मेरे प्यारे देशवासियो,
आजादी के इस पावन पर्व की सभी देशवासियों को बधाई और बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों, उनका त्याग, उनका बलिदान और मां भारती को आजाद कराने के संकल्प के प्रति उनका समर्पण, आज ऐसे सभी हमारे स्वातंत्र्य सेनानियों का, आजादी के वीरों का, नरबांकुरों का, वीर शहीदों का नमन करने का यह पर्व है।
हमारे फौज के जांबाज जवान, हमारे अर्धसैनिक बल, हमारे पुलिस के जवान, सुरक्षा बल से जुड़े हुए, हर कोई मां भारती की रक्षा में जुटे रहते हैं। सामान्य मानव की सुरक्षा में जुटे रहते हैं। आज उन सबको भी हृदयपूर्वक, आदरपूर्वक स्मरण करने का, उनके महान त्याग, तपस्या को नमन करने का पर्व है।
एक नाम और श्री अरविंद घोष, क्रांति दूत से लेकर अध्यात्म की यात्रा, आज उनके संकल्प, उनकी जन्मजयंती है। हमें उनके संकल्पों को- हमारे संकल्पों को पूर्ण करने को उनकी तरफ से आशीर्वाद बना रहे। हम एक विशेष परिस्थिति से गुजर रहे हैं। आज छोटे-छोटे बालक मेरे सामने नजर नहीं आ रहे हैं- भारत का उज्ज्वल भविष्य। क्यों? कोरोना ने सबको रोका हुआ है।
इस कोरोना के कालखंड में लक्षावधि कोरोना warriors चाहे doctors हों, nurses हों, सफाईकर्मी हों, ambulance चलाने वाले लोग हों… किस-किस के नाम गिनाऊंगा। उन लोगों ने इतने लंबे समय तक जिस प्रकार से ‘सेवा परमो धर्म:’ इस मंत्र को जी करके दिखाया है, पूर्ण समर्पण भाव से मां भारती के लालों की सेवा की है, ऐसे सभी कोरोना warriors को भी मैं आज नमन करता हूं।
इस कोरोना के कालखंड में, अनेक हमारे भाई-बहन इस कोरोना के संकट में प्रभावित हुए हैं। कई परिवार प्रभावित हुए हैं। कईयों ने अपनी जान भी गंवाई है। मैं ऐसे सभी परिवारों के प्रति अपनी संवेदनशीलता प्रकट करता हूं… और इस कोरोना के खिलाफ मुझे विश्वास है 130 करोड़ देशवासियों की अदम्य इच्छा शक्ति, संकल्प शक्ति हमें उसमें भी विजय दिलाएगी और हम विजयी होकर रहेंगे।
मुझे विश्वास है कि पिछले दिनों भी हम एक प्रकार से अनेक संकटों से गुजर रहे हैं। बाढ़ का प्रकोप खासकर कि north-east, पूर्वी भारत, दक्षिण भारत, पश्चिमी भारत के कुछ इलाके, कई landslide – अनेक दिक्कतों का सामना लोगों को करना पड़ा है। अनेक लोगों ने अपनी जान गंवाई है। मैं उन परिवारों के प्रति भी अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं… और राज्य सरकारों के साथ कंधे से कंधा मिला करके – ऐसी संकट की घड़ी में हमेशा देश एक बनकर के – चाहे केंद्र सरकार हो, चाहे राज्य सरकार हो, हम मिलकर के तत्काल जितनी भी मदद पहुंचाने का प्रयास कर सकते हैं, सफलतापूर्वक कर रहे हैं।
मेरे प्यारे देशवासियो, आजादी का पर्व, हमारे लिए यह स्वतंत्रता का पर्व, आजादी के वीरों को याद कर-करके नए संकल्पों की ऊर्जा का एक अवसर होता है। एक प्रकार से हमारे लिए ये नई प्रेरणा लेकर के आता है, नई उमंग, नया उत्साह लेकर के आता है… और इस बार तो हमारे लिए संकल्प करना बहुत आवश्यक भी है, और बहुत शुभ अवसर भी है क्योंकि अगली बार जब हम आजादी का पर्व मनाएगें, तब हम 75वें वर्ष में प्रवेश करेंगे। ये अपने-आप में एक बहुत बड़ा अवसर है और इसलिए आज, आने वाले दो साल के लिए बहुत बड़े संकल्प लेकर के हमें चलना है- 130 करोड़ देशवासियों को चलना है। आजादी के 75वें वर्ष में जब प्रवेश करेंगे और आजादी के 75 वर्ष जब पूर्ण होंगे, हम हमारे संकल्पों की पूर्ति को एक महापर्व के रूप में भी मनाएगें।
मेरे प्यारे देशवासियो, हमारे पूर्वजों ने अखंड, एकनिष्ठ तपस्या करके, त्याग और बलिदान की उच्च भावनाओं को प्रस्थापित हुए हमें जिस प्रकार से आजादी दिलाई है, उन्होंने न्यौछावर कर दिया… लेकिन हम ये बात न भूलें कि गुलामी के इतने लंबे कालखंड में कोई भी पल ऐसा नहीं था, कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं था कि जब आजादी की ललक न उठी हो। आजादी की इच्छा को लेकर के किसी न किसी ने प्रयास न किया हो, जंग न की हो, त्याग न किया हो… और एक प्रकार से जवानी जेलों में खपा दी, जीवन के सारे सपनों को फांसी के फंदों को चूमकर के आहूत कर दिया। ऐसे वीरों को नमन करते हुए अद्भुत… एक तरफ सशस्त्र क्रांति का दौर, दूसरी तरफ जनआंदोलन का दौर… पूज्य बापू के नेतृत्व में राष्ट्रजागरण के साथ जनआंदोलन की एक धारा ने आजादी के आंदोलन को एक नई ऊर्जा दी और हम आजादी के पर्व को आज मना पा रहे हैं।
इस आजादी की जंग में भारत की आत्मा को कुचलने के भी निरंतर प्रयास किये… अनगिनत प्रयास हुए। भारत को अपनी संस्कृति, परंपरा, रीति-रिवाज इन सबसे उखाड़ फेंकने के लिए क्या कुछ नहीं हुआ। वो कालखंड था- सैंकड़ों सालों का कालखंड था। साम, दाम, दंड, भेद सब कुछ अपने चरम पर था… और कुछ लोग तो ये मानकर चलते थे कि हम तो‘यावत् चंद्र दिवाकरौ’ यहां पर राज करने के लिए आए हैं। लेकिन आजादी की ललक ने उनके सारे मंसूबों को जमींदोज कर दिया। उनकी सोच थी कि इतना बड़ा विशाल देश, अनेक राजे-रजवाड़े, भांति-भांति की बोलियां, पहनावे, खान-पान, अनेक भाषाएं, इतनी विविधताओं के कारण बिखरा हुआ देश कभी एक होकर के आजादी की जंग लड़ नहीं सकता। लेकिन इस देश की प्राण-शक्ति वो पहचान नहीं पाए… अंतर्भूत जो प्राण शक्ति है… एक तांता- एक सूत्र जो हम सबको बांधकर के रखे हुए है, उसने आजादी के उस पर्व में पूरी ताकत के साथ जब वो मैदान में आया तो देश आजादी की जंग में विजयी हुआ।
हम ये भी जानते हैं कि वो कालखंड था, विस्तारवाद की सोच वालों ने दुनिया में जहां भी फैल सकते थे, फैलने का प्रयास किया… अपने झंडे गाड़ने की कोशिश की। लेकिन भारत का आजादी का आंदोलन दुनिया के अंदर भी एक प्रेरणा का पुंज बन गया… दिव्य स्तंभ बन गया और दुनिया में भी आजादी की ललक जगी। और जो लोग विस्तारवाद की अंधी दौड़ में लगे हुए थे, अपने झंडे गाड़ने में लगे थे, उन्होंने अपने इन मंसूबों को- विस्तारवाद के इन मंसूबों को- पार करने के लिए दुनिया को दो-दो महा-विश्वयुद्धों में झोंक दिया… मानवता को तहस-नहस कर दिया, जिंदगियां तबाह कर दीं, दुनिया को तबाह कर दिया।
लेकिन ऐसे कालखंड में भी, युद्ध की विभीषिका के बीच भी, भारत ने अपनी आजादी की ललक को नहीं छोड़ा… न कमी आने दी, न नमी आने दी। देश… बलिदान करने की जरूरत पड़ी, बलिदान देता रहा… कष्ट झेलने की जरूरत पड़ी, कष्ट झेलता रहा, जनांदोलन खड़ा करने की जरूरत पड़ी, जनांदोलन खड़ा करता रहा है। और भारत की लड़ाई ने दुनिया में आजादी के लिए एक माहौल बना दिया… और भारत की एक शक्ति से दुनिया में जो बदलाव आया, विस्तारवाद के लिए चुनौती बन गया भारत- इतिहास इस बात को कभी नकार नहीं सकता है।
मेरे प्यारे देशवासियो,
आजादी की लड़ाई में, पूरे विश्व में भारत ने भी एकजुटता की ताकत, अपनी सामूहिकता की ताकत, अपने उज्ज्वल भविष्य के प्रति अपना संकल्प, समर्पण और प्रेरणा- उस ऊर्जा को ले करके देश आगे बढ़ता चला गया।
मेरे प्यारे देशवासियो,
कोरोना वैश्विक महामारी के बीच 130 करोड़ भारतीयों ने संकल्प लिया- संकल्प आत्मनिर्भर बनने का… और आत्मनिर्भर भारत आज हर हिन्दुस्तानी के मन-मस्तिष्क पर छाया हुआ है। आत्मनिर्भर भारत- ये सपना संकल्प में परिवर्तित होते देख रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत- ये एक प्रकार से शब्द नहीं, ये आज 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है।
हम जानते हैं… जब मैं आत्मनिर्भर की बात करता हूं, हम में से जो भी 25-30 साल की उम्र से ऊपर होंगे, उन सब ने अपने परिवार में अपने माता-पिता या अपने बुजुर्गों से सुना होगा कि भाई, बेटे- बेटी अब 20 साल- 21 साल के हो गए हो, अब अपने पैरों पर खड़े हो जाओ। 20-21 साल में भी परिवार संतानों से अपने पैरों पर खड़े होने की अपेक्षा करता है। हम तो आजादी के 75 वर्ष से एक कदम दूर हैं, तब हमारे लिए भी… भारत जैसे देश को भी अपने पैरों पर खड़े होना अनिवार्य है। आत्मनिर्भर बनना अनिवार्य है। जो परिवार के लिए आवश्यक है, वो देश के लिए भी आवश्यक है… और इसलिए मुझे विश्वास है कि भारत इस सपने को चरितार्थ करके रहेगा… और इसका कारण मेरे देश के नागरिकों की सामर्थ्य पर मुझे यकीन है, मुझे मेरे देश की प्रतिभा पर गर्व है, मुझे इस देश के युवाओं में, देश की मातृशक्ति में- हमारी महिलाओं में जो अप्रतिम सामर्थ्य है… उस पर मुझे भरोसा है। मेरा हिन्दुस्तान की सोच, हिन्दुस्तान की approach, इस पर विश्वास है… और इतिहास गवाह है कि भारत एक बार ठान लेता है, तो भारत करके रहता है।
और इसी कारण जब हम आत्मनिर्भर की बात करते हैं तो दुनिया को उत्सुकता भी है, भारत से अपेक्षा भी है… और इसलिए हमें उस अपेक्षा को पूर्ण करने के लिए अपने-आप को योग्य बनाना बहुत आवश्यक है। हमें अपने-आपको तैयार करना बहुत आवश्यक है।
भारत के चिन्तन में… भारत जैसे विशाल देश, भारत युवा शक्ति से भरा हुआ देश। आत्मनिर्भर भारत की पहली शर्त होती है- आत्मविश्वास से भरा हुआ भारत… उसकी यही नींव होती है… और यही विकास को नई गति, नई ऊर्जा देने का सामर्थ्य रखती है।
भारत ‘विश्व एक परिवार’ के संस्कारों से पला-बढा हुआ है। अगर वेद कहते थे- ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ तो विनोबा जी कहते थे- ‘जय जगत’… और इसलिए हमारे लिए विश्व एक परिवार है। और इसलिए… आर्थिक विकास भी हो, लेकिन साथ-साथ मानव और मानवता का भी केंद्र स्थान होना चाहिए, इसका महत्व होना चाहिए, उसी को ले करके हम चलते है।
आज दुनिया interconnected है, आज दुनिया interdependent है और इसलिए समय की मांग है कि विश्व अर्थव्यवस्था में भारत जैसे विशाल देश का योगदान बढ़ना चाहिए। विश्व कल्याण के लिए भी ये भारत का कर्तव्य है। और भारत को अपना योगदान बढ़ाना है तो भारत को स्वयं को सशक्त होना होगा, भारत को आत्मनिर्भर होना होगा। हमें जग कल्याण के लिए भी अपने आप को सामर्थ्यवान बनाना ही पड़ेगा। और जब हमारी जड़ें मजबूत होंगी, हमारा अपना सामर्थ्य होगा तो हम दुनिया का भी कल्याण करने की दिशा में कदम उठा सकते हैं।
हमारे देश में अथाह प्राकृतिक संपदा है, क्या कुछ नहीं है। आज समय की मांग है कि हमारे इन प्राकृतिक संसाधनों में हम value addition करें, हम अपनी मानव संपदा में मूल्यवृद्धि करें, नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। हम देश से कब तक कच्चा माल विदेश भेजते रहेंगे… raw material कब तक दुनिया में भेजते रहेंगे, और देखिए तो… raw material दुनिया में भेजना और finished goods दुनिया से वापस लाना, ये खेल कब तक चलेगा। … और इसलिए हमें आत्मनिर्भर बनाना होगा। हमारी हर शक्ति पर वैश्विक आवश्यकताओं के अनुसार मूल्यवृद्धि करनी है। ये हमारा दायित्य है। ये value addition करने की दिशा में हम आगे बढ़ना चाहते है, हम विश्व में योगदान करने के लिए आगे बढ़ना चाहते है।
उसी प्रकार से कृषि क्षेत्र में… एक समय था जब हम बाहर से गेहूं मंगवा करके अपना पेट भरते थे। लेकिन हमारे देश के किसानों ने वो कमाल करके दिखा दिया, आत्मनिर्भर भारत आज कृषि क्षेत्र में बना है। आज भारत के किसान भारत के नागरिकों का पेट भरते हैं…. इतना ही नहीं आज भारत उस स्थिति में है कि दुनिया में जिसको जरूरत है उसको भी हम अन्न दे सकते हैं। अगर ये हमारी शक्ति है, आत्मनिर्भर की ये ताकत है… तो हमारे कृषि क्षेत्र में भी मूल्यवृद्धि आवश्यक है। वैश्विक आवश्यकताओं के अनुसार हमारे कृषि जगत में बदलाव की आवश्यकता है। विश्व की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें अपने कृषि जगत को भी आगे बढ़ाने की जरूरत है।
आज देश अनेक नए कदम उठा रहा है और इसलिए अब आप देखिए space sector को हमने खोल दिया। देश के युवाओं को अवसर मिला है। हमने कृषि क्षेत्र को कानूनों से मुक्त कर दिया, बंधनों से मुक्त कर दिया। हमने आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया है। जब भारत space sector में ताकतवर बनता है तो पड़ोसियों को जरूर उसका लाभ होता है। जब आप ऊर्जा के क्षेत्र में powerful होते हैं तो जो देश अपना अंधेरा मिटाना चाहता है, भारत उसमें मदद कर सकता है। देश का जब health sector का इन्फ्रास्ट्रक्चर आत्मनिर्भर हो जाता है तो विश्व के अनेक देशों को tourism destination के रूप में, health destination के रूप में भारत उनका पसंदीदा देश बन सकता है। और इसलिए आवश्यक है कि भारत में बने सामान की पूरी दुनिया में वाह-वाही कैसी हो। और एक जमाना था, हमारे देश में जो चीजें बनती थी, हमारे skilled manpower के द्वारा जो काम होता था, उसकी दुनिया में बहुत वाह-वाही होती थी… इतिहास गवाह है।
हम जब आत्मनिर्भर की बात करते है तब सिर्फ Import कम करना इतनी ही हमारी सोच नही है। जब आत्मनिर्भर की बात करते है तब हमारा ये जो कौशल, है हमारा जो Human Resource का सामर्थ्य है… जब चीजें बाहर से आने लगती हैं, तो उसका वो सामर्थ्य खत्म होने लगता है। पीढ़ी दर पीढ़ी वो नष्ट हो जाता है। हमें अपने उस सामर्थ्य को बचाना है.. बढ़ाना भी है। कौशल को बढ़ाना है, Creativity को बढ़ाना है… और उसको ले करके हमें आगे बढ़ना है। हमें skill development की दिशा में बल देना है- आत्मनिर्भर भारत के लिए, हमारे सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए।
मेरे प्यारे देशवासियो, मैं जानता हूं जब मैं आत्मनिर्भर की बात करता हूं तब, अनेक आशंकाएं प्रकट भी की जाती है। मैं इस बात को मानता हूं कि आत्मनिर्भर भारत के लिए लाखों चुनौतियां हैं और जब विश्व स्पर्धा के mode में हो, तो चुनौतियां बढ़ भी जाती हैं। लेकिन देश के सामने अगर लाखों चुनौतियां हैं, तो देश के पास करोड़ों समाधान देने वाली शक्ति भी है… मेरे देशवासी भी हैं जो समाधान का सामर्थ्य देते हैं।
आप देखिए कोरोना के संकटकाल में हमने देखा कि बहुत सी चीजों के लिए हम कठिनाइयों में हैं… हमें दुनिया से लाना है दुनिया दे नहीं पा रही है। हमारे देश के नौजवानों ने, हमारे देश के उद्यमियों ने, हमारे देश के उद्योग जगत के लोगों ने बीड़ा उठा लिया। जिस देश में N-95 नहीं बनता था बनने लगे, पीपीई नहीं बनता था, बनने लगे, वेंटिलेटर नहीं बनता था बनने लग गए। देश की आवश्यकताओं की तो पूर्ति हुई ही, लेकिन दुनिया में Export करने की हमारी ताकत बन गई। दुनिया की जरूरत थी। आत्मनिर्भर भारत दुनिया को कैसे मदद कर सकता है… आज हम इसमें देख सकते हैं। और इसलिए विश्व की भलाई में भी भारत का योगदान करने का दायित्व बनता है।
बहुत हो चुका… आजाद भारत की मानसिकता क्या होनी चाहिए। आजाद भारत की मानसिकता होनी चाहिए- Vocal For Local… हमारे जो स्थानीय उत्पाद हैं उनका हमें गौरवगान करना चाहिए। हम अपनी चीजों का गौरवगान नहीं करेंगे, तो उनको अच्छा बनने का अवसर भी नहीं मिलेगा… उनकी हिम्मत भी नहीं बढ़ेगी। आइए, हम मिल करके संकल्प लें, आजादी के 75 साल के पर्व की ओर जब कदम रख रहे हैं, तब Vocal For Local का जीवन मंत्र बन जाए, और हम मिल करके भारत की उस ताकत को बढ़ावा दें।
मेरे प्यारे देशवासियो,
हमारा देश कैसे-कैसे कमाल करता है, कैसे-कैसे आगे बढ़ता है, इस बात को हम भली-भांति समझ सकते हैं। कौन सोच सकता था कि कभी गरीबों के जनधन खाते में लाखों-करोड़ों रुपये सीधे Transfer हो जाएंगे। कौन सोच सकता था कि किसानों की भलाई के लिए APMC जैसा एक्ट… इसमें इतने बदलाव हो जाएंगे। कौन सोचता था हमारे व्यापारियों पर जो लटकती तलवार थी- essential commodity Act… इतने सालों के बाद वो भी बदल जाएगा। कौन सोचता था हमारा Space Sector हमारे देश के युवाओं के लिए खुला कर दिया जाएगा। आज हम देख रहे हैं राष्ट्रीय शिक्षा नीति हो, One Nation-One Ration Card की बात हो, One Nation-One Grid की बात हो, One Nation-One Tax की बात हो, Insolvency और bankruptcy code उसकी बात हो, चाहे बैंकों को Merger करने का प्रयास हो… देश की सच्चाई बन चुकी है, देश की हकीकत है।
भारत में परिवर्तन के इस कालखंड के Reforms के परिणामों को दुनिया देख रही है। एक के बाद एक… एक-दूसरे से जुड़े हुए हम जो Reforms कर रहे हैं, उसको दुनिया बहुत बारीकी से देख रही है, और उसी का कारण है बीते वर्ष भारत में FDI ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए- Foreign Direct Investment… अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।
बीते वर्ष भारत में FDI में 18% की वृद्धि हुई है… बढ़ोतरी हुई है। और इसलिए कोरोना काल में भी दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत की ओर रूख कर रही हैं। यह विश्वास ऐसे ही पैदा नहीं हुआ है, ऐसे ही दुनिया मोहित नहीं हुई है। इसके लिए भारत ने अपनी नीतियों पर, भारत ने अपने लोकतंत्र पर, भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था की बुनियाद की मजबूती पर जो काम किए हैं, उसने यह विश्वास जगाया है।
दुनियाभर के अनेक Business भारत को supply chain के केंद्र के रूप में आज देख रहे हैं। अब हमें Make in India के साथ-साथ Make for World- इस मंत्र को लेकर भी हमें आगे बढ़ना है।
130 करोड़ देशवासियों का सामर्थ्य… जरा याद कीजिए पिछले कुछ दिन… और 130 करोड़ देशवासियों के सामर्थ्य के लिए गर्व कीजिए। जब एक ही समय में, कोरोना के इस महाकालखंड में एक तरफ चक्रवात, पूर्व में भी चक्रवात, पश्चिम में भी चक्रवात, बिजली गिरने से अनेक लोगों की मौत की खबरें, कहीं पर बार-बार भूस्खलन की घटनाएं, छोटे-मोटे भूकंप के झटके… इतना कम था तो हमारे किसानों के लिए टिड्डी दल की आपदाएं आईं। न जाने एक साथ एक के बाद एक मुसीबतों का अंबार लग गया। लेकिन उसके बावजूद भी देश ने जरा भी अपना विश्वास नहीं खोया। देश आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ता चला गया।
देशवासियों के जीवन को, देश की अर्थव्यवस्था को कोरोना के प्रभाव से जल्दी से जल्दी बाहर निकालना आज हमारी प्राथमिकता है। इसमें अहम भूमिका रहेगी National Infrastructure Pipeline Project की। इस पर 110 लाख करोड़ रूपये से भी ज्यादा खर्च किये जाएंगे। इसके लिए अलग-अलग सेक्टर में लगभग सात हजार projects की पहचान कर ली गई है। इससे देश के Overall Infrastructure Development को एक नई दिशा भी मिलेगी, एक नई गति भी मिलेगी… और इसलिए हमेशा यह कहा जाता है ऐसी संकट की घड़ी में जितना ज्यादा Infrastructure को बल दिया जाए, ताकि इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ती हैं, लोगों को रोजगार मिलता है, काम मिलता है… उससे जुड़े हुए कई काम एक साथ चल जाते हैं। छोटे-बड़े उद्योग, किसान हर मध्यम वर्ग को इसका बहुत लाभ होता है।
और आज मैं एक बात स्मरण करना चाहता हूं… जब श्री अटल बिहार वाजपेयी हमारे देश के प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने स्वर्णिम चतुर्भुज की एक बहुत बड़ी, दूरगामी असर पैदा करने वाली योजना को प्रारंभ किया था और देश के road network के Infrastructure को next generation पर ले गए थे। आज भी उस स्वर्णिम चतुर्भुज की तरफ देश बड़े गर्व से देख रहा है कि हां हमारा हिन्दुस्तान बदल रहा है, देख रहा है।
मेरे प्यारे देशवासियों, अटल जी ने अपने समय में यह काम किया लेकिन अब हमें उसे आगे ले जाना है। हमें नई ओर ले जाना है और अब हम silos में नहीं चल सकते हें। हम Infrastructure को – Road को रोड वाला काम करेगा, रेल का रेल में चला जाएगा… न रेल का रोड से संबंध है, न रोड का रेल से संबंध… न एयरपोर्ट का पोर्ट से संबंध, न पोर्ट का एयरपोर्ट से संबंध… न रेलवे स्टेशन का बस से संबंध, न बस स्टेशन का रेलवे से संबंध- ऐसी स्थिति नहीं चाहिए। अब हमारा सारा Infrastructure एक comprehensive हो, integrated हो, एक-दूसरे के पूरक हो- रेल से रोड पूरक हो, रोड से सी-पोर्ट पूरक हो, सी-पोर्ट से पोर्ट पूरक हो… यह एक नई सदी के लिए हम multi model connectivity Infrastructure को जोड़ने के लिए अब आगे बढ़ रहे हैं। और यह एक नया आयाम होगा, बहुत बड़ा सपना लेकर के इस पर काम शुरू किया है और मुझे विश्वास है कि silos को खत्म करके हम, इन सारी व्यवस्था को एक नई ताकत देंगे।
इसके साथ-साथ हमारे समुद्री तट… विश्व व्यापार में समुद्री तटों का अपना बहुत महत्व होता है। जब हम Port led development को लेकर चल रहे हैं, तब हम आने वाले दिनों में, समुद्री तट के पूरे हिस्से में four lane road बनाने की दिशा में एक आधुनिक Infrastructure बनाने में हम काम करेंगे।
मेरे प्यारे देशवासियो, हमारे यहां शास्त्रों में एक बहुत बड़ी बात और बहुत महत्वपूर्ण बात कही गई है। हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है – ‘सामर्थ्य्मूलं स्वातंत्र्यं, श्रममूलं च वैभवम्’ यानि किसी समाज की, किसी भी राष्ट्र की आजादी का स्रोत उसका सामर्थ्य होता है… और उसके वैभव, उन्नति, प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति है। और इसलिए सामान्य नागरिक – शहर हो या गांव – उसकी मेहनत का कोई मुकाबला नहीं है। मेहनतकश समाज को जब सुविधाएं मिलती है, जीवन का संघर्ष, रोजमर्रा की मुसीबतें कम होती हैं, तो उसकी ऊर्जा, उसकी शक्ति बहुत खिल उठती है… बड़े कमाल करके रहती है। बीते छह वर्षों में देश के मेहनतकश नागरिकों का जीवन बेहतर बनाने के लिए अनेक अभियान चलाए गए हैं। आप देखिए बैंक खाता हो, पक्के घर की बात हो, इतनी बड़ी मात्रा में शौचालय बनाने हो, हर घर में बिजली connection पहुंचाना हो, माताओं-बहनों को धुएं से मुक्त करने के लिए गैस का कनेक्शन देना हो, गरीब से गरीब को बीमा सुरक्षा देने का प्रयास हो, पांच लाख रुपये तक अच्छे से अच्छे अस्पताल में मुफ्त इलाज कराने के लिए आयुष्मान भारत योजना हो, राशन की दुकानों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने की बात हो- हर गरीब, हर व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के पूरी पारदर्शिता के साथ उसको लाभ पहुंचाने में पिछले छह साल में बहुत अच्छी तरह प्रगति की है।
कोरोना के संकट में भी इन व्यवस्थाओं से बहुत मदद मिली है। इस दौरान करोड़ों गरीब परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर पहुंचाना… राशनकार्ड हो या न हो, 80 करोड़ से ज्यादा मेरे देशवासियों के घर का चूल्हा जलता रहे… 80 करोड़ देशवासियों को मुफ्त में अनाज पहुंचाने का काम हो, 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा सीधे बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर हों- कुछ वर्ष पहले तो सोच भी नहीं सकते थे, कल्पना ही नहीं कर सकते थे कि दिल्ली से एक रुपया निकले और सौ के सौ पैसे गरीब के खाते में जमा हो जाएं, यह पहले कभी सोचा भी नहीं जा सकता था।
अपने ही गांव में रोजगार के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू किया गया है। श्रमिक साथी खुद को re-skill करें, up-skill करें इस पर विश्वास करते हुए, श्रम-शक्ति पर भरोसा करते हुए, गांव के संसाधनों पर भरोसा करते हुए, हम vocal for local पर बल देते हुए re-skill, up-skill के द्वारा अपने देश की श्रम-शक्ति को, हमारे गरीबों को empower करने की दिशा में हम काम कर रहे हैं।
शहर में हमारे जो श्रमिक हैं- क्योंकि आर्थिक गतिविधि का केंद्र शहर है- गांव से… दूर-दूर से लोग शहरों में आते हैं, street vendors हों, रेहड़ी-पटरी वाले लोग हों, आज बैंकों से उनको सीधे पैसे देने की योजना चल रही है। लाखों लोगों ने इतने कम समय में- कोरोना के कालखंड में- इसका फायदा उठाया है। अब उनको कहीं से भी ज्यादा ब्याज पर पैसे लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बैंक से वो अधिकार से अपने पैसे ले पाएगा।
उसी प्रकार से जब शहर में हमारे श्रमिक आते हैं उनको रहने की अगर अच्छी सुविधा मिल जाए तो उनकी कार्यक्षमता में भी बहुत बढ़ोतरी होती है। और इसी बात को ध्यान में रखते हुए शहर के अंदर उनके लिए हमने आवास की व्यवस्था की एक बहुत बड़ी योजना बनाई है, ताकि शहर के अंदर जब श्रमिक आएगा, वो अपने काम के लिए मुक्त मन से पूरे विश्वास के साथ आगे बढ़ पड़ेगा।
मेरे प्यारे देशवासियो,
ये भी सही है कि विकास की इस यात्रा में भी हमने देखा है जैसे समाजिक जीवन में कुछ तबके पीछे रह जाते हैं, गरीबी से बाहर निकल नहीं पाते हैं, वैसे राष्ट्रीय जीवन में भी कुछ क्षेत्र होते हैं, कुछ भू-भाग होते हैं, कुछ इलाके होते हैं, जो पीछे रह जाते हैं। आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए, हमारे लिए संतुलित विकास बहुत आवश्यक है और हमने 110 से ज्यादा आकांक्षी जिले identify किए हैं। उन 110 जिलों को जो average से भी पीछे हैं, उनको राज्य की और राष्ट्र के average तक ले आना है, सभी parameter में लाना है। वहां के लोगों को बेहतर शिक्षा मिले, वहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें, वहां के लोगों को रोजगार के स्थानीय अवसर पैदा हों, और उसके लिए हम लगातार इन 110 जिलों को, जो हमारी विकास यात्रा में कहीं पीछे छूट गए हैं, आगे ले जाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
मेरे प्यारे देशवासियो,
आत्मनिर्भर भारत की अहम प्राथमिकता आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान हैं और इनको हम कभी भी नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। किसान को पिछले दिनों हमने देखा है। एक के बाद एक reform आजादी के इतने सालों के बाद किए गए हैं। किसान को तमाम बंधनों से मुक्त करना होगा, वो काम हमने कर दिया है।
आप सोच नहीं सकते होंगे, हमारे देश में अगर आप साबुन बनाते हैं, तो हिन्दुस्तान के उस कोने में जाकर साबुन बेच सकते हैं; आप अगर कपड़ा बनाते हैं, तो हिन्दुस्तान के किसी कोने में जाकर कपड़ा बेच सकते हैं; आप चीनी बनाएं, आप चीनी बेच सकते हैं, लेकिन मेरा किसान- बहुत लोगों को पता नहीं होगा- मेरे देश का किसान जो उत्पादन करता था, न वो अपनी मर्जी से बेच सकता था, न अपनी मर्जी से जहां बेचना चाहता था वहां बेच सकता था; उसके लिए जो दायरा तय किया था, वहीं बेचना पड़ता था। उन सारे बंधनों को हमने खत्म कर दिया है।
अब हिन्दुस्तान का किसान उस आजादी की सांस को ले पाएगा ताकि वो हिन्दुस्तान के किसी भी कोने में, दुनिया के किसी भी कोने में अपना माल बेचना चाहता है, वो अपने terms पर बेच पाएगा। हमने किसान की आय को बढ़ाने के लिए अनेक वैकल्पिक चीजों पर भी बल दिया है। उसकी किसानी में input cost कैसे कम हो, Solar pump- उसको डीजल पंप से मुक्ति कैसे दिला दें, अन्नदाता, ऊर्जादाता कैसे बने, मधुमक्खी पालन हो, fisheries हो, poultry हो, ऐसी अनेक चीजें उसके साथ जुड़ जाएं, ताकि उसकी आय दोगुना हो जाए, उस दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं।
आज समय की मांग है हमारा कृषि क्षेत्र आधुनिक बने। मूल्यवृद्धि हो, value addition हो, food processing हो, packaging की व्यवस्था हो, उसको संभालने की व्यवस्था हो, और इसलिए अच्छे infrastructure की जरूरत है।
आपने देखा होगा इस कोरोना कालखंड में ही पिछले दिनों एक लाख करोड़ रुपए agriculture infrastructure के लिए भारत सरकार ने आवंटित किए हैं। infrastructure जो किसानों की भलाई के लिए होगा और इसके कारण किसान अपना मूल्य भी प्राप्त कर सकेगा, दुनिया के बाजार में बेच भी पाएगा, विश्व बाजार में उसकी पहुंच बढ़ेगी।
आज हमें ग्रामीण उद्योगों को मजबूत करने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों में विशिष्ट प्रकार से आर्थिक कलस्टर बनाए जाएंगे। कृषि और गैर-कृषि उद्योगों का गांव के अंदर एक जाल बनाया जाएगा और उसके कारण उसके साथ-साथ किसानों के लिए जो नये FPO- किसान उत्पादक संघ बनाने की हमने कोशिश की है, वो अपने-आप में एक बहुत बड़ा economic empowerment का काम करेगा।
भाइयो- बहनो,
मैंने पिछली बार यहां पर जल-जीवन मिशन की घोषणा की थी, आज उसको एक साल हो रहा है। मैं आज गर्व से कह सकता हूं कि जो हमने सपना लिया है कि पीने का शुद्ध जल, ‘नल से जल’ हमारे देशवासियों को मिलना चाहिए, स्वास्थ्य की समस्याओं का समाधान भी शुद्ध पीने के जल से जुड़ा हुआ होता है। अर्थव्यवस्था में भी उसका बहुत बड़ा योगदान होता है… और उसको लेकर जल-जीवन मिशन शुरू किया।
आज मुझे संतोष है कि प्रतिदिन हम एक लाख से ज्यादा घरों में- हर दिन एक लाख से ज्यादा घरों में- जल पहुंचा रहे है… पाईप से जल पहुंचा रहे हैं। और पिछले एक साल में 2 करोड़ परिवारों तक हम जल पहुंचाने में सफल हुए हैं। और विशेष करके जंगलों में दूर-दूर रहने वाले हमारे आदिवासियों के घरों तक जल पहुंचाने का काम… बड़ा अभियान चला है। और मुझे खुशी है कि आज ‘जल-जीवन मिशन’ ने देश में एक तंदुरूस्त स्पर्धा का माहौल बनाया है। जिले-जिले के बीच में तंदुरूस्त स्पर्धा हो रही है, नगर-नगर के बीच में तंदुरूस्त स्पर्धा हो रही है, राज्य-राज्य के बीच में तंदुरूस्त स्पर्धा हो रही है। हर किसी को लग रहा है कि प्रधानमंत्री का ‘जल-जीवन मिशन’ का ये जो सपना है, उसको हम जल्दी से जल्दी अपने क्षेत्र में पूरा करेंगे। Cooperative Competitive Federalism की एक नई ताकत जल-जीवन मिशन के साथ जुड़ गई है और उसके साथ भी हम आगे बढ़ रहे है।
मेरे प्यारे देशवासियो, चाहे हमारा कृषि का क्षेत्र हो, चाहे हमारे लघु उद्योगों को क्षेत्र हो, चाहे हमारे नौकरीपेशा करने वाले समाज के लोग हों, ये करीब-करीब सभी लोग एक प्रकार से भारत का बहुत बड़ा मध्यम वर्ग है। और मध्यम वर्ग से निकले हुए Professionals आज दुनिया में अपना डंका बजा रहे हैं। मध्यम वर्ग से निकले हुए हमारे डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, scientist सब कोई दुनिया के अंदर अपना नाम… डंका बजा रहे हैं। और इसलिए ये बात सही है कि मध्यम वर्ग को जितने अवसर मिलते हैं, वो अनेक गुणा ताकत के साथ उभर करके आते हैं। और इसलिए मध्यम वर्ग को सरकारी दखलंदाजी से मुक्ति चाहिए, मध्यम वर्ग को अनेक नए अवसर चाहिए, उसको खुला मैदान चाहिए और हमारी सरकार लगातार मध्यम वर्ग के इन सपनों को पूरा करने के लिए काम कर रही है। मध्यम वर्ग Miracle करने की ताकत रखता है। Ease of living… इसका सबसे बड़ा लाभ किसी को होना है तो मेरे मध्यम वर्ग के परिवारों को होना है। सस्ते इंटरनेट की बात हो, चाहे सस्ते स्मार्टफोन की बात हो या उड़ान के तहत हवाई जहाज की टिकटों की कीमतें बहुत Minimum हो जाने की बात हो या हमारे Highways हों Information ways हों- ये सारी चीजें मध्यम वर्ग की ताकत को बढ़ाने वाली हैं। आज आपने देखा होगा मध्यम वर्ग में जो गरीबी से बाहर निकला है, उसका पहला सपना होता है अपना घर होना चाहिए, वो एक बराबर की जिंदगी जीना चाहता है। देश में बहुत बड़ा काम हमने EMI के क्षेत्र में किया और उसके कारण Home Loan सस्ते हुए और जब एक घर के लिए कोई लोन लेता है तो लोन पूरी करते-करते करीब 6 लाख रुपये की उसको छूट मिल जाती है। पिछले दिनों ध्यान में आया कि बहुत गरीब-मध्यम वर्ग के परिवारों ने पैसे लगाए हुए हैं लेकिन योजनाएं पूरी न होने के कारण खुद का घर मिल नहीं रहा है… किराया भरना पड़ रहा है। भारत सरकार ने 25 हजार करोड़ रुपया का विशिष्ट फंड बना करके ये जो आधे-अधूरे घर हैं, उनको पूरा करके मध्यम वर्गीय परिवारों को घर मिल जाए… उसके लिए हमने अब कदम उठाया है।
GST में बहुत तेजी से Taxation कम हुआ है, Income Tax कम हुआ है। आज Minimum उस प्रकार की व्यवस्थाओं के साथ हम देश को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। Co-operative बैंकों को RBI से जोड़ना… ये अपने आप में मध्यम वर्गीय परिवारों के पैसों को सुरक्षित रखने की गारंटी इसके साथ जुड़ी हुई है।
MSME Sector में जो Reforms हुए है, Agriculture Sector में जो Reforms हुए है, इसका सीधा-सीधा लाभ हमारे इन मध्यम वर्गीय मेहनतकश परिवारों को जाने वाला है और उसके कारण हजारों-करोड़ों रुपयों का Special Fund, आज जो हमारे व्यापारी बंधुओं को, हमारे लघु उद्योगकारों को हम दे रहे हैं, उनको इसका लाभ मिलने वाला है। आम भारतीय की शक्ति, उसकी ऊर्जा आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक बहुत बड़ा आधार है। इस ताकत को बनाए रखने के लिए हर स्तर पर निरंतर काम जारी है।
मेरे प्यारे देशवासियो, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में, आधुनिक भारत के निर्माण में, नए भारत के निर्माण में, समृद्ध और खुशहाल भारत के निर्माण में, देश की शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व है। इसी सोच के साथ देश को तीन दशक के बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देने में हम आज यशस्वी हुए हैं।
हिन्दुस्तान के हर कोने में इसके स्वागत के समाचार एक नई ऊर्जा, एक नया विश्वास दे रहे हैं। ये शिक्षा… ये राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारे विद्यार्थियों को जड़ से जोड़ेगी। लेकिन साथ-साथ उनको एक Global Citizen बनाने का भी पूरा सामर्थ्य देगी। वो जड़ों से जुड़ा होगा लेकिन उसका सर आसमान की ऊंचाइयों को छूता होगा।
आज आपने देखा होगा राष्ट्रीय शिक्षा नीति में एक विशेष बल दिया गया है- National Research Foundation का। क्योंकि देश को प्रगति करने के लिए innovation बहुत आवश्यक होता है। innovation को जितना बल मिलेगा… research को जितना बल मिलेगा, उतना ही देश को आगे ले जाने में… competitive world में आगे बढ़ने में बहुत ताकत मिलेगी।
आपने सोचा होगा क्या कभी इतना तेजी से गांव तक online classes… इतना तेजी से इतना माहौल बन जाएगा। कभी-कभी आफत में भी कुछ ऐसी चीजें उभरकर आ जाती हैं, नई ताकत दे देती हैं और इसलिए आपने देखा होगा कोरोना काल में online classes एक प्रकार से culture बन गया है।
आप देखिए online digital transaction… वो भी कैसे बढ़ रहे हैं। BHIM UPI अगर एक महीने में… यानि किसी को भी गर्व होगा कि भारत जैसे देश में यूपीआई भीम के द्वारा एक महीने में 3 लाख करोड़ रूपये का transaction हुआ है। आज अपने आप में हम किस प्रकार से बदली हुई स्थितियों को स्वीकार करने लगे हैं, ये इसका नमूना है।
आप देखते हैं 2014 से पहले हमारे देश में 5 दर्जन पंचायतों में optical fibre था। गत 5 वर्ष में डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों तक optical fibre network पहुंच गया… जो आज इतना मदद कर रहा है। सभी पंचायतों में पहुंचने के लक्ष्य के साथ हमने काम शुरू किया था। जो एक लाख पंचायतें बाकी हैं, वहां भी तेजी से काम चल रहा है। लेकिन बदली हुई परिस्थिति में गांव की भी digital India में भागीदारी अनिवार्य बन गई… गांव के लोगों को भी इस प्रकार की online सुविधाओं की जरूरत बढ़ गई है। इसको ध्यान में रखते हुए पहले जो हमने कार्यक्रम बनाया था, हर पंचायत तक पहुंचेंगे… लेकिन आज मैं आपको बताना चाहूंगा कि हमने तय किया है कि सभी छह लाख से ज्यादा जो हमारे गांव हैं, उन सभी गांवों में optical fibre network पहुंचाया जाए। जरूरत बदली है तो हमने priority भी बदली है। छह लाख से अधिक गांवों में हजारों-लाखों किलोमीटर optical fibre का काम चलाया जाएगा और हमने तय किया है कि 1000 दिन में… 1000 दिन के अंदर-अंदर देश के छह लाख से अधिक गांवों में optical fibre network काम पूरा कर दिया जाएगा।
बदलती हुई technology में cyber space पर हमारी निर्भरता बढ़ती ही जाने वाली है लेकिन cyber space से खतरे भी जुड़े हुए हैं। भली-भांति दुनिया इससे परिचित है और इनसे देश के सामाजिक ताने-बाने, हमारी अर्थव्यवस्था और हमारे देश के विकास पर भी खतरे पैदा करने का यह आसान मार्ग बन सकता है… और इसलिए भारत इससे बहुत सचेत है। भारत बहुत सतर्क है और इन खतरों का सामना करने के लिए फैसला ले रहा है। इतना ही नहीं, नई व्यवस्थाएं भी लगातार विकसित की जा रही हैं। बहुत ही अल्प समय में नई साइबर सुरक्षा नीति- इसका एक पूरा खाका देश के सामने आएगा। आने वाले समय में सब इकाइयों को जोड़ कर… इस cyber security के अंदर हम सबको एक साथ चलना पड़ेगा। उसके लिए आगे बढ़ने के लिए रणनीति बनाएंगे।
मेरे प्यारे देशवासियो,
भारत में महिला शक्ति को जब-जब भी अवसर मिले, उन्होंने देश का नाम रोशन किया है, देश को मजबूती दी है। महिलाओं को रोजगार और स्व-रोजगार के समान अवसर देने के लिए आज देश प्रतिबद्ध है। आज भारत में महिलाएं अंडरग्राउंड कोयले की खदान में काम कर रही हैं। आज मेरे देश की बेटियां fighter plane भी उड़ा करके आसमान की बुलंदियों को चूम रही हैं। आज भारत दुनिया के उन देशों में है जहां नौसेना और वायुसेना में महिलाओं को combat role में शामिल किया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं को salary के साथ 6 महीने की छुट्टी देने के फैसले की बात हो, हमारे देश की महिलाएं जो तीन तलाक के कारण पीड़ित रहती थीं, वैसी हमारी मुस्लिम बहनों को मुक्ति दिलाने… आजादी दिलाने का काम हो, महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की बात हो, 40 करोड़ जो जन-धन खाते खोले गए हैं उसमें 22 करोड़ खाते हमारी बहनों के हैं… कोरोना काल में करीब 30 हजार करोड़ रुपये इन बहनों के खाते में जमा कर दिए गए हैं। मुद्रा लोन… 25 करोड़ के करीब मुद्रा लोन दिए गए हैं, उसमें 70 प्रतिशत मुद्रा लोन लेने वाली हमारी माताएं-बहनें हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो खुद का घर मिल रहा है, उसमें अधिकतम रजिस्ट्री भी महिलाओं के नाम हो रही है।
मेरे प्यारे देशवासियो,
गरीब बहन-बेटियों के बेहतर स्वास्थ्य की भी चिंता ये सरकार लगातार कर रही है। हमने जन-औषधि केंद्र के अंदर एक रूपये में sanitary pad पहुंचाने के लिए बहुत बड़ा काम किया है। 6 हजार जन-औषधि केंद्रों में पिछले थोड़े से समय में करीब 5 करोड़ से ज्यादा sanitary pad हमारी इन गरीब महिलाओं तक पहुंच चुके हैं।
बेटियों में कुपोषण खत्म हो, उनकी शादी की सही आयु क्या हो, इसके लिए हमने कमेटी बनाई है। उसकी रिपोर्ट आते ही बेटियों की शादी की उम्र के बारे में भी उचित फैसले लिए जाएंगे।
मेरे प्यारे देशवासियो,
इस कोरोना के कालखंड में Health Sector की तरफ ध्यान जाना बहुत स्वाभाविक है और इसलिए आत्मनिर्भर की सबसे बड़ी सीख हमें Health Sector ने इस संकट के काल में सिखा दी है। और उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें आगे भी बढ़ना है।
आप देखिए, कोरोना के समय, उसके पूर्व हमारे देश में सिर्फ एक Lab थी टेस्टिंग के लिए, आज 1400 Labs का नेटवर्क है… हिन्दुस्तान के हर कोने में फैला हुआ है। जब कोरोना का संकट आया तो एक दिन में सिर्फ 300 टेस्ट हो पाते थे। इतने कम समय में हमारे लोगों ने वो शक्ति दिखा दी है कि आज हर दिन 7 लाख से ज्यादा टेस्ट हम कर पा रहे हैं… कहां 300 से शुरू किया था और कहां हम 7 लाख तक पहुंच गए।
देश में नए AIIMS, नए Medical College का निर्माण, आधुनिकीकरण की दिशा में निरंतर प्रयास… ये हम कर रहे हैं। पांच साल में MBBS, MD में 45 हजार से ज्यादा students के लिए सीटों की बढ़ोत्तरी की गई है। गांव में डेढ़ लाख से ज्यादा Wellness Centre… और उसमें से करीब एक-तिहाई तो already कार्यरत हो गए हैं। कोरोना के काल में Wellness Centers की भूमिका ने गांवों की बहुत बड़ी मदद की है।
Health Sector में आज से एक बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है और उसमें technology का भी बहुत बड़ा रोल रहेगा। आज से National Digital Health Mission का भी आरंभ किया जा रहा है। भारत के Health Sector में ये एक नई क्रांति ले आएगा… इलाज में आने वाली परेशानियां कम करने के लिए technology का बहुत सुविचारित रूप से उपयोग होगा।
प्रत्येक भारतीय को Health ID दी जाएगी। ये Health ID प्रत्येक भारतीय के स्वास्थ्य खाते की तरह काम करेगी। आपके हर test, हर बीमारी… आपने किस डॉक्टर के पास, कौन-सी दवा ली थी, उनका क्या Diagnosis था, कब ली थी, उनकी रिपोर्ट क्या थी, ये सारी जानकारी आपकी इस Health ID में समाहित की जाएगी। Doctor से appointment हो, पैसा जमा करना हो, अस्पताल में पर्ची बनवाने की भागदौड़ हो, ये तमाम दिक्कतें… National Digital Health Mission के माध्यम से अनेक मुसीबतों से मुक्ति मिलेगी और उत्तम स्वास्थ्य के लिए हमारा कोई भी नागरिक सही फैसले कर पाएगा। ये व्यवस्था होने वाली है।
मेरे प्यारे देशवासियो, जब भी कोरोना की बात आती है, तो एक बात स्वाभाविक है, हर किसी के मन में सवाल है, कोरोना की vaccine कब तैयार होगी… ये सवाल हर एक के मन में है, पूरी दुनिया में है।
मैं आज देशवासियों को कहना चाहूंगा कि हमारे देश के वैज्ञानिक… हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा एक ऋषि-मुनि की तरह है… वे Laboratory में जी-जान से जुटे हुए हैं। अखंड, एकनिष्ठ तपस्या कर रहे हैं, बड़ी कड़ी मेहनत कर रहे हैं। और भारत में एक नहीं, दो नहीं, तीन-तीन vaccine टेस्टिंग के अलग-अलग चरण में हैं। वैज्ञानिकों से जब हरी झंडी मिल जाएगी, बड़े पैमाने पर Production होगा और उनकी तैयारियां भी पूरी तरह Ready हैं… और तेजी से Production के साथ vaccine हर भारतीय तक कम से कम समय में कैसे पहुंचे, उसका खाका भी तैयार है… उसकी रूपरेखा भी तैयार है।
मेरे प्यारे देशवासियो, हमारे देश में अलग-अलग जगहों पर विकास की तस्वीर अलग-अलग है। कुछ क्षेत्र बहुत आगे हैं, कुछ क्षेत्र बहुत पीछे हैं। ये असंतुलन आत्मनिर्भर भारत के सामने एक महत्वपूर्ण चुनौती… मैं मान सकता हूं। और इसलिए जैसा मैंने प्रारंभ में कहा, 110 आंकाक्षी जिलों पर हम बल दे रहे हैं। उनको विकास की बराबरी में लाना चाहते हैं। विकास का ecosystem बनाना, connectivity को सुधारना- ये हमारी प्राथमिकता है।
अब आप देखिए, हिन्दुस्तान का पश्चिमी भाग और हिन्दुस्तान के मध्य से लेकर पूर्वी भाग, पूर्वी उत्तर प्रदेश हो, बिहार हो, बंगाल हो, north-east हो, ओडिशा हो… ये सारे हमारे क्षेत्र हैं, अपार संपदा है, प्राकृतिक संपदा के भंडार हैं। यहां के लोग सामर्थ्यवान हैं, शक्तिवान हैं, प्रतिभावान हैं लेकिन अवसरों के अभाव में इन क्षेत्रों में असंतुलन रहा है। और इसलिए हमने अनेक नए कदम उठाए, Eastern Dedicated Freight Corridor हो, पूर्व में गैस पाइपलाइन से जोड़ने की बात हो, नए रोड-रेल का infrastructure खड़ा करना हो, वहां नए port बनाने हों… यानी एक प्रकार से पूरे development के लिए infrastructure का जो नया खाका होना चाहिए, उसे holistic तरीके से हम विकसित कर रहे हैं…।
उसी प्रकार से लेह-लद्दाख, कारगिल, जम्मू-कश्मीर… ये क्षेत्र एक प्रकार से इस क्षेत्र को एक वर्ष पूर्व अनुच्छेद 370 से आजादी मिल चुकी है… एक साल पूरा हो चुका है। ये एक साल जम्मू-कश्मीर की एक नई विकास यात्रा का बड़ा महत्वपूर्ण पड़ाव है। ये एक साल वहां की महिलाओं को, दलितों को, मूलभूत अधिकारों को देने वाला कालखंड रहा है। ये हमारे शरणार्थियों को गरिमा पूर्ण जीवन जीने का भी एक साल रहा है। विकास का लाभ गांव और गरीब तक पहुंचाने के लिए Back to Villages जैसे विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। आयुष्मान योजना को बेहतरीन तरीके से, आज जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के क्षेत्र में उपयोग किया जा रहा है।
मेरे प्यारे देशवासियो, लोकतंत्र की मजबूती, लोकतंत्र की सच्ची ताकत हमारी चुनी हुई स्थानीय इकाइयों में हैं। हम सभी के लिए गर्व की बात है कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय इकाइयों के जनप्रतिनिधि सक्रियता और संवेदनशीलता के साथ विकास के नए युग को आगे बढ़ा रहे हैं। मैं उनके सभी पंच- सरपंचों को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं… विकास यात्रा में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए।
जम्मू-कश्मीर में Delimitation की प्रक्रिया चल रही है। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति के नेतृत्व में Delimitation का काम चल रहा है और जल्दी से Delimitation का काम पूरा होते ही भविष्य में वहां चुनाव हों, जम्मू-कश्मीर का M.L.A हो, जम्मू-कश्मीर के मंत्रीगण हों, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री हों… नई ऊर्जा के साथ विकास के मार्ग पर आगे बढ़ें, इसके लिए देश प्रतिबद्ध भी है और प्रयासरत भी है।
लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाकर के बरसों पुरानी जो उनकी मांग थी, उनकी आंकाक्षा थी, उस आकांक्षा को हमने पूरा करने का… उनको सम्मानित करने का एक बहुत बड़ा काम किया है। हिमालय की ऊंचाइयों में बसा लद्दाख विकास के नए शिखर की ओर आगे बढ़ रहा है। अब central university वहां पर बन रही है। नए research centre बन रहे हैं, hotel, management के courses वहां चल रहे हैं। बिजली के लिए साढ़े सात हजार मेगावाट के Solar Park के निर्माण की योजना बन रही है, लेकिन मेरे प्यारे देशवासियो, लद्दाख की कई विशेषताएं हैं, उन विशेषताओं को हमें संभालना भी है, संवारना भी है। और जैसे सिक्किम ने… हमारे North-East में Sikkim ने अपनी organic state की पहचान बनाई है, वैसे ही लद्दाख, लेह, कारगिल पूरा क्षेत्र हमारे देश के लिए carbon neutral इकाई के रूप में अपनी पहचान बना सकता है। और इसके लिए भारत सरकार वहां के नागरिकों के साथ मिलकर के एक नमूना रूप, प्रेरणा रूप, carbon neutral विकास का मॉडल, वहां की आवश्यकताओं की पूर्ति वाला मॉडल… उस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।
मेरे प्यारे देशवासियो, भारत ने दिखाया है कि पर्यावरण के साथ संतुलन रखते हुए भी तेज विकास संभव है। आज भारत one world, one sun, one grid के vision के साथ पूरी दुनिया को खासतौर से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रेरित कर रहा है।
Renewable energy के उत्पादन के मामले में आज भारत दुनिया के top पांच देशों में अपनी जगह बना चुका है। प्रदूषण के समाधान को लेकर भारत सजग भी है और भारत सक्रिय भी है। स्वच्छ भारत अभियान हो, धुंआ मुक्त रसोई गैस की व्यवस्था हो, LED Bulb का अभियान हो, CNG आधारित transportation की व्यवस्था हो, Electric mobility के लिए प्रयास हो, हम कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पेट्रोल से प्रदूषण को कम करने के लिए ethanol उत्पादन बढ़ाने में और उसके इस्तेमाल पर बल दिया जा रहा है। पांच साल पहले हमारे देश के अंदर ethanol की क्या स्थिति थी… पांच साल पहले हमारे देश में 40 करोड़ लीटर उत्पादन होता था। आज पांच साल में पांच गुना हो गया… और आज 200 करोड़ लीटर ethanol हमारे देश में बन रहा है जो पर्यावरण के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हो रहा है।
मेरे प्यारे देशवासियो, देश के 100 शहरों में… चुने हुए 100 शहरों में, प्रदूषण कम करने के लिए, हम एक holistic approach के साथ, एक Integrated approach के साथ, एक जन भागीदारी के साथ, आधुनिक technology का भरपूर उपयोग करते हुए हम उसे प्रदूषण कम करने की दिशा में …. एक मिशन मोड में काम करने वाले हैं।
मेरे प्यारे देशवासियो, भारत इस बात को गर्व से कह सकता है… भारत उन बहुत कम देशों में से एक है जहां जंगलों का विस्तार हो रहा है। अपनी Biodiversity के संरक्षण और संवर्धन के लिए भारत पूरी तरह संवेदनशील है। हम लोगों ने सफलतापूर्वक Project Tiger, Project Elephant… हमने सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है। हमारे यहां टाइगर की आबादी बढ़ी है। अब आने वाले दिनों में Asiatic Lion के लिए Project Lion की शुरुआत हो रही है। और उसमें Project Lion भारतीय शहरों की रक्षा, सुरक्षा, आवश्यक Infrastructure… और विशेष करके, उनके लिए जो आवश्यक होता है Special प्रकार का Health Infrastructure, उस पर भी काम किया जाएगा। और Project Lion पर बल दिया जाएगा।
साथ ही एक और काम को भी हम बढ़ावा देना चाहते हैं और वो है- Project Dolphin चलाया जाएगा। नदियों में व समुद्र में रहने वाली दोनों तरह की Dolphins पर हम फोकस करेंगे। इससे Biodiversity को भी बल मिलेगा और रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। ये Tourism के आकर्षण का भी केंद्र होता है… तो इस दिशा में भी हम आगे बढ़ने वाले हैं।
मेरे प्यारे देशवासियो, जब हम एक असाधारण लक्ष्य को ले करके असाधारण यात्रा पर निकलते हैं तो रास्ते में चुनौतियों की भरमार होती है और चुनौतियां भी असमान्य होती है। इतनी आपदाओं के बीच सीमा पर भी देश के सामर्थ्य को चुनौती देने के दुष्प्रयास हुए हैं। लेकिन LOC से लेकर LAC तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई देश की सेना ने, हमारे वीर-जवानों ने उसका उसी की भाषा में जवाब दिया है।
भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरा देश एक जोश से भरा हुआ है, संकल्प से प्रेरित है और सामर्थ्य पर अटूट श्रद्धा के साथ आगे बढ़ रहा है। इस संकल्प के लिए हमारे वीर-जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है… ये लद्दाख में दुनिया ने देख लिया है। मैं आज मातृभूमि पर न्यौछावर उन सभी वीर-जवानों को लालकिले की प्राचीर से आदरपूर्वक नमन करता हूं।
आतंकवाद हो, या विस्तारवाद भारत आज डटकर मुकाबला कर रहा है। आज दुनिया का भारत पर विश्वास और मजबूत हुआ है। पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में 192 में से 184… एक सौ बयानवे में से एक सौ चौरासी देशों का भारत को समर्थन मिलना, ये हमारे हर हिन्दुस्तानी के लिए गर्व की बात है। विश्व में हमने कैसी अपनी पहुंच बनाई है, उसका ये उदाहरण है। और ये तभी संभव होता है जब भारत खुद मजबूत हो, भारत सशक्त हो, भारत सुरक्षित हो, इसी सोच के साथ आज अनेक मोर्चों पर काम किया जा रहा है।
मेरे प्यारे देशवासियो, हमारे पड़ोसी देशों के साथ चाहे वो हमसे जमीन से जुड़े हों या समुद्र से अपने संबंधों को हम सुरक्षा, विकास और विश्वास की साझेदारी के साथ जोड़ रहे हैं। भारत का लगातार प्रयास है कि अपने पड़ोसी देशों के साथ हम अपने सदियों पुराने सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक रिश्तों को और गहराई दें। दक्षिण एशिया में दुनिया की एक-चौथाई जनसंख्या रहती है। हम संयोग और सहभागिता से इतनी बड़ी जनसंख्या के विकास और समृद्धि की अनगिनत संभावनाएं पैदा कर सकते हैं। इस क्षेत्र के देशों के सभी नेताओं की इस विशाल जनसमूह के विकास और प्रगति के लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, एक अहम जिम्मेदारी है। उसे निभाने के लिए दक्षिण एशिया के इन सभी क्षेत्र के सभी लोगों का, राजनेताओं का, सांसदों का, बुद्धिजीवियों का भी मैं आह्वान करता हूं। इस पूरे क्षेत्र में जितनी शांति होगी, जितना सौहार्द होगा, उतनी ही ये मानवता के काम आएगी, मानवता के हित में होगा… पूरी दुनिया का हित इसमें समाहित है।
आज पड़ोसी सिर्फ वो ही नहीं है जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं, बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं… जहां रिश्तों में समरसता होती है, मेलजोल रहता है। मुझे खुशी है बीते कुछ समय में भारत ने Extended Neighbourhood के सभी देशों के साथ अपने संबंधों को और मजबूत किया है। पश्चिम एशिया के देशों से हमारे राजनैतिक, आर्थिक और मानवीय संबंधों की प्रगति में कई गुना तेजी आई है… विश्वास अनेक गुना बढ़ गया है। इन देशों के साथ हमारे आर्थिक संबंध खासकर ऊर्जा क्षेत्र में भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। इन कई देशों में… इन सभी देशों में… ज्यादातर देशों में बहुत बड़ी संख्या में हमारे भारतीय भाई-बहन काम कर रहे हैं। जिस प्रकार इन देशों ने कोरोना के संकट के समय भारतीयों की मदद की, भारत सरकार के अनुरोध का सम्मान किया, उसके लिए भारत उन सभी देशों का आभारी है और मैं अपना आभार प्रकट करना चाहता हूं।
इसी प्रकार हमारे पूर्व के आसियान देश जो हमारे maritime पड़ोसी भी हैं, वो भी हमारे लिए बहुत विशेष महत्व रखते हैं। इनके साथ भारत का हजारों वर्ष पुराना धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध है। बौद्ध धर्म की परम्पराएं हमें उनसे जोड़ती है। आज भारत इन देशों के साथ, सिर्फ सुरक्षा क्षेत्रों में नहीं बल्कि समुद्री संपदा के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ा रहा है।
मेरे प्यारे देशवासियो, भारत के जितने प्रयास शांति और सौहार्द के लिए हैं, उतनी ही प्रतिबद्धता अपनी सुरक्षा और अपनी सेनाओं को सशक्त करने के लिए भी है। रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं। हाल ही में 100 से ज्यादा सैन्य उपकरणों के आयात पर हमने रोक लगा दी है- मिसाइलों से लेकर के हल्के युद्धक हेलीकॉप्टरों तक, assault राइफल से लेकर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट तक सभी मेक इन इंडिया हो गए। अपना तेजस भी… अपना तेज, अपनी तेजी और अपनी ताकत दिखाने के लिए आधुनिक जरूरतों के हिसाब से तैयार हो रहा है। देश की सुरक्षा में हमारे बॉर्डर और coastal Infrastructure की बहुत बड़ी भूमिका है। आज हिमालय की चोटियां हो, या हिंद महासागर के द्वीप, हर दिशा में connectivity के विस्तार पर जोर दिया जा रहा है। लद्दाख से लेकर के अरुणाचल प्रदेश तक बड़े पैमाने पर हमारे देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नई सड़कें तैयार की गई हैं।
मेरे प्यारे देशवसियो, हमारा इतना बड़ा समुद्र तट है लेकिन साथ-साथ हमारे पास 1300 से ज्यादा islands हैं। कुछ चुनिंदा island के महत्व को देखते हुए तेजी से विकसित करने पर हम आगे बढ़ रहे हैं। आपने देखा होगा पिछले सप्ताह पांच दिन पहले अंडमान-निकोबार में submarine optical fiber cable project का लोकार्पण हुआ है। अंडमान-निकोबार को भी चेन्नई और दिल्ली जैसी internet सुविधा अब उपलब्ध होगी। अब हम आगे लक्षद्वीप को भी इसी तरह जोड़ने के लिए… काम को आगे बढ़ाने वाले हैं।
अगले एक हजार दिन में लक्षद्वीप को भी तेज internet की सुविधा से जोड़ने का हमने लक्ष्य रखा है। बॉर्डर और coastal area के युवाओं के विकास… उसको भी… सुरक्षा को केंद्र में रखते हुए विकास के मॉडल की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। और उसमें एक कदम, एक बड़ा अभियान हम शुरू कर रहे हैं।
हमारे जो बॉर्डर इलाके हैं, हमारे जो coastal इलाके हैं, वहां के करीब 173 district हैं जो किसी न किसी देश की सीमा या समुद्री तट से जुड़े हैं। आने वाले दिनों में NCC का विस्तार उन बॉर्डर district के नौजवानों के लिए किया जाएगा। बॉर्डर एरिया के cadets… हम करीब-करीब एक लाख नये NCC के cadets तैयार करेंगे और उसमें एक तिहाई हमारी बेटियां हों, यह भी प्रयास रहेगा। बॉर्डर एरिया के cadets को सेना प्रशिक्षित करेगी। coastal एरिया के जो cadets हैं उनको Navy के लोग प्रशिक्षित करेंगे और जहां air base हैं वहां के कैडिट्स को एयरफोर्स की तरफ से training दी जाएगी। बॉर्डर और coastal एरिया को आपदाओं से निपटने के लिए एक trained man power मिलेगा, युवाओं को Armed forces में career बनाने के लिए जरूरी skill भी मिलेगी।
मेरे प्यारे देशवासियो, पिछले वर्ष लालकिले से मैंने कहा था, बीते पांच साल आवश्यकताओं की पूर्ति और अगले पांच साल आकांक्षाओं की पूर्ति के है। बीते एक साल में ही देश ने बड़े और महत्वपूर्ण फैसलों के पड़ाव को पार कर लिया है। गांधी जी की 150वीं जयंती पर भारत के गांवों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त किया है। आस्था की वजह से प्रताड़ित शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून, दलितों, पिछड़ों, ओबीसी के लिए… SC/ST/OBC के लिए आरक्षण के अधिकार को बनाने की बात हो, असम और त्रिपुरा में ऐतिहासिक शांति समझौता हो, फौज की सामूहिक शक्ति को और प्रभावी बनाने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति हो, करतारपुर साहिब कॉरिडोर का रिकॉर्ड समय में निर्माण हो… देश ने इतिहास बनाया, इतिहास बनते देखा, असाधारण काम करके दिखाया।
10 दिन पूर्व अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हुआ है। राम जन्मभूमि के सदियों पुराने विषय का शांतिपूर्ण समाधान हो चुका है। देश के लोगों ने जिस संयम के साथ और समझदारी के साथ आचरण किया है, व्यवहार किया है, यह अभूतपूर्व है और भविष्य के लिए हमारे लिए प्रेरणा कारक है। शांति, एकता और सद्भावना यही तो आत्मनिर्भर भारत की ताकत बनने वाली है। यही मेलजोल, यही सद्भाव भारत के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है। इसी सद्भाव के साथ हमें आगे बढ़ना है। विकास के इस महायज्ञ में हर हिन्दुस्तानी को अपनी कुछ न कुछ आहुति देनी है।
इस दशक में भारत नई नीति और नई रीति के साथ ही आगे बढ़ेगा, जब साधारण से काम नहीं चलेगा… अब ‘होता है’, ‘चलता है’ का वक्त चला गया, हम दुनिया में अब किसी से कम नहीं। हम सबसे ऊपर रहने का प्रयास करेंगे। और इसलिए हम सर्वश्रेष्ठ उत्पादन, सर्वश्रेष्ठ Human Resources, सर्वश्रेष्ठ governance… हर चीज में सर्वश्रेष्ठ के लक्ष्य को ले करके आजादी के 75वें साल के लिए हमें आगे बढ़ना है।
हमारी policy, हमारे process, हमारे products सब कुछ उत्तम से उत्तम हों, best हों, तभी ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना साकार होगी। आज हमें फिर से संकल्प लेने की जरूरत है, यह संकल्प आजादी के लिए बलिदान देने वालों के सपनों को पूरा करने का हो, यह संकल्प 130 करोड़ देशवासियों के लिए हो, यह संकल्प हमारी आने वाली पीढि़यों के लिए हो, उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए हो, यह संकल्प आत्मनिर्भर भारत के लिए हो। हमें शपथ लेनी होगी, हमें प्रतिज्ञा करनी होगी, हम आयात को कम से कम करने की दिशा में योगदान करेंगे, हम अपने लघु उद्योगों को सशक्त करेंगे, हम सब लोकल के लिए वोकल बनेंगे और हम ज्यादा innovate करेंगे… हम empower करेंगे- अपने युवाओं को, महिलाओं को आदिवासियों को, दिव्यांगों को, दलितों को, गरीबों को, गांवों को, पिछड़ों को, हर किसी को।
आज भारत ने असाधारण गति से असंभव को संभव किया है। इसी इच्छाशक्ति, इसी लगन, इसी जज्बे के साथ प्रत्येक भारतीय को आगे बढ़ना है।
वर्ष 2022 हमारी आजादी के 75 वर्ष का पर्व अब बस आ ही गया है। हम एक कदम दूर है। हमें दिन-रात एक कर देना है। 21वीं सदी का यह तीसरा दशक हमारे सपनों को पूरा करने का दशक होना चाहिए। कोरोना बड़ी विपत्ति है, लेकिन इतनी बड़ी नहीं कि आत्मनिर्भर भारत की विजय यात्रा को रोक पाए।
मैं देख सकता हूं, एक नये प्रभात की लालिमा, एक नये आत्मविश्वास का उदय, एक नये आत्मनिर्भर भारत का शंखनाद। एक बार फिर आप सभी को स्वाधीनता दिवस की कोटि-कोटि शुभकामनाएं। आइये मेरे साथ दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिये –
भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय,
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्, वंदे मातरम्,
जय हिंद, जय हिंद।
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- My dear countrymen, on this auspicious occasion, congratulations and best wishes to all of you.
- In this extraordinary time of Corona, Corona warriors have lived the mantra of ‘Seva Parmo Dharma.’ Our doctors, nurses, paramedical staff, ambulance personnel, safai karmacharis, policemen, service personnel and many people are working round the clock continuously.
- Expressing grief over loss of lives in various parts of the country due to natural calamities, he reassured fellow citizens of full support in this hour of need.
- India’s freedom struggle inspired the entire world. The idea of expansionism left some countries enslaved. Even in the midst of fierce wars, India did not allow its freedom movement to suffer.
- Amid Covid pandemic, 130 crore Indians took the resolve to be self-reliant, and ‘Aatmanirbhar Bharat’ is on the mind of India. This dream is turning into a pledge. Aatmanirbhar Bharat has become a ‘mantra’ for the 130 crore Indians today. I am confident of the abilities, confidence and potential of my fellow Indians. Once we decide to do something, we do not rest till we achieve that goal.
- Today, the whole world is inter-connected and inter-dependent. It’s time for India to play an important role in the global economy. For this, India has to become self-reliant. From agriculture, space to healthcare, India is taking several steps to build Atmanirbhar Bharat. I am confident that measures, like, opening up the space sector will generate many new employment opportunities for our youth and provide further avenues to enhance their skills and potential.
- Only a few months ago, we used to import N-95 masks, PPE kits, and ventilators from abroad. We not only made N-95 masks, PPE kits and ventilators during the pandemic, but were able to export these to all over the world.
- Apart from ‘Make in India’, we must also embrace the mantra of ‘Make for World’.
- National Infrastructure pipeline project worth Rs 110 lakh crore will boost our overall infrastructure projects. We will now focus on multi-model connectivity infrastructure. We can’t work in silos anymore; we need to focus on comprehensive and integrated infrastructure. About 7,000 projects of different sectors have also been identified. It will bring a new revolution in the infrastructure sector.
- How long will the raw material from our country become a finished product and return to India. There was a time when our agricultural system was very backward. The biggest concern then was how to feed the countrymen. Today, we can feed not only India but many countries of the world. Self-reliant India not only means reduction of imports, but also to increase our skills and our creativity.
- The whole world has been noticing the reforms being pursued in India. As a result, the FDI inflow has broken all records. India witnessed 18% jump in FDI even during the Covid pandemic.
- Who could have imagined that lakhs of crores of rupees would be directly transferred in the Jan Dhan accounts of the poor in the country? Who could have thought that such a big change would happen in the APMC Act for the benefit of farmers? One Nation-One Ration Card, One Nation – One Tax, Insolvency and Bankruptcy Code and Merger of Banks is the reality of the country today.
- We have worked for women empowerment- Navy and Air Force are taking women in combat, women are now leaders, and we abolished triple talaq, got sanitary pads to women for just 1 rupee.
- My dear countrymen, we have been told here – Samarthyamool Swatantryam, Shrammulam Vaibhavam. The strength of a society, the freedom of any nation is its power, and the source of its prosperity and progress is its labor force.
- 7 crore poor families were given free gas cylinders, more than 80 crore people were provided free food with or without ration cards, about 90 thousand crores were directly transferred to bank accounts. Gharib Kalyan Rojgar Abhiyan has also been started to provide employment to poor in their villages.
- The campaign for Vocal for Local, Re-Skill and Up-Skill will bring about a self-reliant economy in the lives of people living below the poverty line.
- Many regions of the country have also lagged behind in terms of development. By choosing more than 110 such aspirational districts, special efforts are being made there so that the people get better education, better health facilities, and better employment opportunities.
- Self-reliant India has an important priority – self-sufficient agriculture and self-reliant farmers. To provide modern infrastructure to the farmers of the country, a few days ago ‘Agriculture Infrastructure Fund’ of Rs 1 lakh crore has been created.
- From this same Red Fort, last year, I announced the mission of Jal Jeevan. Today, under this mission, every day more than one lakh houses are getting water connection.
- Professionals emanating from the middle class make their mark not only in India but in the whole world. The middle class needs opportunity, the middle class needs freedom from government interference.
- This is also the first time when the EMI of a home loan for your home is getting a rebate of up to 6 lakh rupees during the payment period. Just last year, a fund of 25 thousand crore rupees has been established to complete thousands of incomplete houses
- Education of the country has great importance in building self-reliant India, in building modern India, in building new India, in building prosperous India. With this thinking, the country has got a new National Education Policy.
- In Corona’s time, we have seen what the role of Digital India campaign has been. Just last month, almost 3 lakh crore rupees have been transacted from BHIM UPI alone.
- Before 2014, only 5 dozen panchayats in the country were connected with optical fiber. In the last five years, 1.5 lakh gram panchayats in the country have been connected with optical fiber. All 6 lakh villages in the country will be connected with optical fiber within coming 1000 days.
- My dear countrymen, our experience says that whenever there is an opportunity for women power in India, they have brought laurels to the country, strengthened the country. Today, women are not only working in underground coal mines, but also flying fighter planes, touching new heights in sky.
- Of the 40 crore Jan Dhan accounts opened in the country, about 22 crore accounts are of women only. At the time of Corona, in April-May-June, about three thousand crores of rupees have been directly transferred to the accounts of women in these three months.
- When Corona was started, there was only one Lab for Corona Testing in our country. Today there are more than 1,400 Labs in the country.
- Another very big campaign is going to start in the country from today. This is the National Digital Health Mission. Every Indian will be given a health ID. National Digital Health Mission will bring a new revolution in India’s health sector. All your tests, every disease, which doctor gave you which medicine, when, what were your reports, all these information will be contained in this one health ID.
- Today, not one, not two, three vaccines of Corana are currently under testing phase in India. As soon as the green signal is received from the scientists, the country’s preparation is also ready for mass production of those vaccines.
- This year is the year of a new development journey of Jammu and Kashmir. This year is the year of rights for women and Dalits in Jammu and Kashmir! It is also a year of the dignified life of refugees in Jammu and Kashmir. It is a matter of pride for all of us that the representatives of the local bodies in Jammu and Kashmir are pushing forward a new era of development with activism and sensitivity.
- By making Ladakh a Union Territory last year, the old demand of its people has been met. Ladakh, situated in the heights of the Himalayas, is moving forward today to touch new heights of development. Just as Sikkim has made its mark as an Organic State, in the coming days, Ladakh, will make its identity as a carbon neutral region, work is also being done in this direction.
- A special campaign with a holistic approach to reduce pollution in 100 selected cities of the country is also being worked on.
- India is fully sensitive to the preservation and promotion of its biodiversity. In the recent past, the tiger population has increased at a rapid pace in the country! Now a project lion for our Asiatic lions is also going to be started in the country. Similarly, Project Dolphin will also be launched.
- From the LOC to the LAC, whoever has raised eyes on the sovereignty of the country, the country, the army of the country has responded in the same language. Respect for India’s sovereignty is supreme for us. What our brave soldiers can do for this resolution, what the country can do, the world has seen this in Ladakh.
- A quarter of the world’s population lives in South Asia. We can create untold possibilities of development and prosperity of such a large population with cooperation and participation.
- Our border and coastal infrastructure also have a huge role in the security of the country. Be it the Himalayan peaks or the islands of the Indian Ocean, today there is an unprecedented expansion of road and internet connectivity in the country.
- There are more than 1300 islands in our country. In view of their geographical location, considering their importance in the development of the country, work is underway to start new development schemes in some of these selected islands. After Andaman and Nicobar islands, in the next 1000 days, Lakshadweep will also be connected to submarine optical fiber cable.
- The expansion of NCC will be ensured to 173 border and coastal districts of the country. Under this campaign, special training will be given to about 1 lakh new NCC Cadets. In this also, about one-third of the daughters will be given this special training
- Our Policies, Our Process, Our Products, Everything should be Best, Must be best. Only then will we be able to realize the vision of Ek Bharat-Shresth Bharat.
- The middle class will be the biggest beneficiaries of ‘Ease of Living’; from cheap internet to economical air tickets, highways to i-ways, and from affordable housing to tax reduction – all these measures will empower the middle-class people of the country.
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- என் அன்பான நாட்டு மக்களே, இந்த புனித சந்தர்ப்பத்தில், உங்கள் அனைவருக்கும் வாழ்த்துக்கள்.
- கொரோனாவின் இந்த அசாதாரண காலத்தில், கொரோனா வீரர்கள் ‘சேவா பர்மோ தர்மம்’ என்ற மந்திரத்தை வாழ்ந்து வந்தனர். எங்கள் மருத்துவர்கள், செவிலியர்கள், துணை மருத்துவ பணியாளர்கள், ஆம்புலன்ஸ் பணியாளர்கள், சஃபாய் கர்மாச்சாரிகள், போலீசார், சேவைப் பணியாளர்கள் மற்றும் பலர் தொடர்ந்து கடிகார முள்ளை போல சுற்றி ஓய்வில்லாமல் பணியாற்றி வருகின்றனர்.
- இயற்கை பேரழிவுகள் காரணமாக நாட்டின் பல்வேறு பகுதிகளில் உயிர் இழப்பு குறித்து வருத்தத்தை தெரிவித்த அவர், தேவைப்படும் இந்த நேரத்தில் சக குடிமக்களுக்கு முழு ஆதரவையும் அளித்தார்.
- இந்தியாவின் சுதந்திரப் போராட்டம் உலகம் முழுவதையும் ஊக்கப்படுத்தியது. விரிவாக்கத்தின் யோசனை சில நாடுகளை அடிமைப்படுத்தியது. கடுமையான போர்களுக்கு மத்தியில் கூட, இந்தியா தனது சுதந்திர இயக்கத்தை பாதிக்க அனுமதிக்கவில்லை.
- கோவிட் தொற்றுநோய்க்கு மத்தியில், 130 கோடி இந்தியர்கள் தன்னம்பிக்கை கொள்ள வேண்டும் என்ற தீர்மானத்தை எடுத்துக் கொண்டனர், மேலும் ‘ஆத்மனிர்பர் பாரத்’ இந்தியாவின் மனதில் உள்ளது. இந்த கனவு உறுதிமொழியாக மாறுகிறது. ஆத்மனிர்பர் பாரத் இன்று 130 கோடி இந்தியர்களுக்கு ஒரு ‘மந்திரமாக’ மாறிவிட்டது. எனது சக இந்தியர்களின் திறன்கள், நம்பிக்கை மற்றும் திறனைப் பற்றி நான் நம்புகிறேன். ஏதாவது செய்ய முடிவு செய்தவுடன், அந்த இலக்கை அடையும் வரை நாங்கள் ஓய்வெடுப்பதில்லை.
- இன்று, முழு உலகமும் ஒன்றோடொன்று இணைக்கப்பட்டவை மற்றும் ஒன்றோடொன்று சார்ந்தவை. உலகப் பொருளாதாரத்தில் இந்தியா முக்கிய பங்கு வகிக்க வேண்டிய நேரம் இது. இதற்காக, இந்தியா தன்னம்பிக்கை அடைய வேண்டும். விவசாயம், விண்வெளி முதல் சுகாதாரப் பாதுகாப்பு வரை ஆத்மனிர்பார் பாரத் கட்ட இந்தியா பல நடவடிக்கைகளை எடுத்து வருகிறது. விண்வெளித் துறையைத் திறப்பது போன்ற நடவடிக்கைகள் நமது இளைஞர்களுக்கு பல புதிய வேலை வாய்ப்புகளை உருவாக்கும் என்பதோடு அவர்களின் திறன்களையும் திறனையும் மேம்படுத்துவதற்கான கூடுதல் வழிகளை வழங்கும் என்று நான் நம்புகிறேன்.
- சில மாதங்களுக்கு முன்புதான், நாங்கள் N-95 முகமூடிகள், பிபிஇ கருவிகள் மற்றும் வென்டிலேட்டர்களை வெளிநாட்டிலிருந்து இறக்குமதி செய்தோம். தொற்றுநோய்களின் போது நாங்கள் N-95 முகமூடிகள், பிபிஇ கருவிகள் மற்றும் வென்டிலேட்டர்களை உருவாக்கியது மட்டுமல்லாமல், உலகம் முழுவதும் இவற்றை ஏற்றுமதி செய்ய முடிந்தது.
- ‘மேக் இன் இந்தியா’ தவிர, ‘மேக் ஃபார் வேர்ல்ட்’ என்ற மந்திரத்தையும் நாம் ஏற்றுக்கொள்ள வேண்டும்.
- 110 லட்சம் கோடி ரூபாய் மதிப்புள்ள தேசிய உள்கட்டமைப்பு குழாய் திட்டம் நமது ஒட்டுமொத்த உள்கட்டமைப்பு திட்டங்களை உயர்த்தும். நாங்கள் இப்போது பல மாதிரி இணைப்பு உள்கட்டமைப்பில் கவனம் செலுத்துவோம். நாம் இனி குழிகளில் வேலை செய்ய முடியாது; விரிவான மற்றும் ஒருங்கிணைந்த உள்கட்டமைப்பில் நாம் கவனம் செலுத்த வேண்டும். பல்வேறு துறைகளின் சுமார் 7,000 திட்டங்களும் அடையாளம் காணப்பட்டுள்ளன. இது உள்கட்டமைப்பு துறையில் ஒரு புதிய புரட்சியைக் கொண்டுவரும்.
- நம் நாட்டிலிருந்து வரும் மூலப்பொருள் எவ்வளவு காலம் ஒரு முடிக்கப்பட்ட பொருளாக மாறி இந்தியாவுக்குத் திரும்பும். எங்கள் விவசாய முறை மிகவும் பின்தங்கிய நிலையில் இருந்த ஒரு காலம் இருந்தது. அப்போது மிகப் பெரிய கவலை நாட்டு மக்களுக்கு எவ்வாறு உணவளிப்பது என்பதுதான். இன்று, நாம் இந்தியாவுக்கு மட்டுமல்ல, உலகின் பல நாடுகளுக்கும் உணவளிக்க முடியும். தன்னம்பிக்கை கொண்ட இந்தியா என்பது இறக்குமதியைக் குறைப்பது மட்டுமல்லாமல், நமது திறன்களையும் படைப்பாற்றலையும் அதிகரிப்பதாகும்.
- இந்தியாவில் பின்பற்றப்படும் சீர்திருத்தங்களை உலகம் முழுவதும் கவனித்து வருகிறது. இதன் விளைவாக, அன்னிய நேரடி முதலீடு அனைத்து பதிவுகளையும் உடைத்துவிட்டது. கோவிட் தொற்றுநோய்களின் போது கூட இந்தியா அன்னிய நேரடி முதலீட்டில் 18% உயர்ந்துள்ளது.
- நாட்டில் உள்ள ஏழைகளின் ஜன தன் கணக்குகளில் லட்சம் கோடி ரூபாய் நேரடியாக மாற்றப்படும் என்று யார் கற்பனை செய்திருக்க முடியும்? விவசாயிகளின் நலனுக்காக ஏபிஎம்சி சட்டத்தில் இவ்வளவு பெரிய மாற்றம் நிகழும் என்று யார் நினைத்திருக்க முடியும்? ஒரு தேசம்-ஒரு ரேஷன் அட்டை, ஒரு தேசம் – ஒரு வரி, திவாலா நிலை மற்றும் திவால்நிலை குறியீடு மற்றும் வங்கிகளின் இணைப்பு ஆகியவை இன்றைய நாட்டின் உண்மை.
- பெண்கள் அதிகாரம் பெறுவதற்காக நாங்கள் பணியாற்றியுள்ளோம்- கடற்படை மற்றும் விமானப்படை பெண்களை போரில் அழைத்துச் செல்கின்றன, பெண்கள் இப்போது தலைவர்களாக இருக்கிறார்கள், நாங்கள் மூன்று தலாக் ஒழித்தோம், பெண்களுக்கு 1 ரூபாய்க்கு சானிட்டரி பேட்களைப் பெற்றோம்.
- என் அன்பான நாட்டு மக்களே, எங்களுக்கு இங்கே சொல்லப்பட்டுள்ளது – சமர்த்தியமூல் ஸ்வாதந்த்ரியம், ஷ்ராமுளம் வைபவம். ஒரு சமூகத்தின் வலிமை, எந்தவொரு தேசத்தின் சுதந்திரமும் அதன் சக்தி, அதன் செழிப்பு மற்றும் முன்னேற்றத்தின் ஆதாரம் அதன் தொழிலாளர் சக்தி.
- 7 கோடி ஏழைக் குடும்பங்களுக்கு இலவச எரிவாயு சிலிண்டர்கள் வழங்கப்பட்டன, 80 கோடிக்கும் அதிகமான மக்களுக்கு ரேஷன் கார்டுகளுடன் அல்லது இல்லாமல் இலவச உணவு வழங்கப்பட்டது, சுமார் 90 ஆயிரம் கோடி நேரடியாக வங்கிக் கணக்குகளுக்கு மாற்றப்பட்டது. கரிப் கல்யாண் ரோஜ்கர் அபியான் அவர்களின் கிராமங்களில் உள்ள ஏழைகளுக்கு வேலை வழங்கவும் தொடங்கப்பட்டுள்ளது.
- உள்ளூர், மறு திறன் மற்றும் திறனுக்கான குரல் பிரச்சாரம் வறுமைக் கோட்டுக்குக் கீழே வாழும் மக்களின் வாழ்க்கையில் ஒரு தன்னம்பிக்கை பொருளாதாரத்தை கொண்டு வரும்.
- நாட்டின் பல பிராந்தியங்களும் வளர்ச்சியைப் பொறுத்தவரை பின்தங்கியுள்ளன. இதுபோன்ற 110 க்கும் மேற்பட்ட மாவட்டங்களைத் தேர்ந்தெடுப்பதன் மூலம், மக்களுக்கு சிறந்த கல்வி, சிறந்த சுகாதார வசதிகள் மற்றும் சிறந்த வேலை வாய்ப்புகள் கிடைக்கும் வகையில் அங்கு சிறப்பு முயற்சிகள் மேற்கொள்ளப்படுகின்றன.
- தன்னம்பிக்கை இந்தியாவுக்கு ஒரு முக்கிய முன்னுரிமை உள்ளது – தன்னிறைவு விவசாயம் மற்றும் தன்னம்பிக்கை விவசாயிகள். நாட்டின் விவசாயிகளுக்கு நவீன உள்கட்டமைப்பை வழங்க, சில நாட்களுக்கு முன்பு ரூ .1 லட்சம் கோடி ‘விவசாய உள்கட்டமைப்பு நிதி’ உருவாக்கப்பட்டுள்ளது.
- இதே செங்கோட்டையில் இருந்து, கடந்த ஆண்டு, ஜல் ஜீவனின் பணியை அறிவித்தேன். இன்று, இந்த பணியின் கீழ், ஒவ்வொரு நாளும் ஒரு லட்சத்துக்கும் மேற்பட்ட வீடுகளுக்கு நீர் இணைப்பு கிடைக்கிறது.
- நடுத்தர வர்க்கத்திலிருந்து வெளிவரும் தொழில் வல்லுநர்கள் இந்தியாவில் மட்டுமல்ல, மூன்றாம் இடத்திலும் தங்கள் அடையாளத்தை வெளிப்படுத்துகிறார்கள். முழு உலகமும். நடுத்தர வர்க்கத்திற்கு வாய்ப்பு தேவை, நடுத்தர மக்களுக்கு அரசாங்க தலையீட்டிலிருந்து சுதந்திரம் தேவை.
- உங்கள் வீட்டிற்கான வீட்டுக் கடனின் ஈ.எம்.ஐ பணம் செலுத்தும் காலத்தில் 6 லட்சம் ரூபாய் வரை தள்ளுபடியைப் பெறுவது இதுவே முதல் முறை. கடந்த ஆண்டு தான், முழுமையடையாத ஆயிரக்கணக்கான வீடுகளை முடிக்க 25 ஆயிரம் கோடி ரூபாய் நிதி நிறுவப்பட்டுள்ளது
- தன்னம்பிக்கை கொண்ட இந்தியாவை கட்டியெழுப்புவதில், நவீன இந்தியாவை கட்டியெழுப்புவதில், புதிய இந்தியாவை கட்டியெழுப்புவதில், வளமான இந்தியாவை கட்டியெழுப்புவதில் நாட்டின் கல்விக்கு அதிக முக்கியத்துவம் உள்ளது. இந்த சிந்தனையுடன், நாட்டிற்கு ஒரு புதிய தேசிய கல்வி கொள்கை கிடைத்துள்ளது.
- கொரோனாவின் காலத்தில், டிஜிட்டல் இந்தியா பிரச்சாரத்தின் பங்கு என்ன என்பதை நாங்கள் கண்டோம். கடந்த மாதம் தான், BHIM UPI இலிருந்து மட்டும் கிட்டத்தட்ட 3 லட்சம் கோடி ரூபாய் பரிவர்த்தனை செய்யப்பட்டுள்ளது.
- 2014 க்கு முன்பு, நாட்டில் 5 டஜன் பஞ்சாயத்துகள் மட்டுமே ஆப்டிகல் ஃபைபருடன் இணைக்கப்பட்டன. கடந்த ஐந்து ஆண்டுகளில், நாட்டில் 1.5 லட்சம் கிராம் பஞ்சாயத்துகள் ஆப்டிகல் ஃபைபர் மூலம் இணைக்கப்பட்டுள்ளன. நாட்டின் அனைத்து 6 லட்சம் கிராமங்களும் வரும் 1000 நாட்களுக்குள் ஆப்டிகல் ஃபைபருடன் இணைக்கப்படும்.
- என் அன்பான நாட்டு மக்களே, இந்தியாவில் பெண் அதிகாரத்திற்கு ஒரு வாய்ப்பு கிடைக்கும்போதெல்லாம், அவர்கள் நாட்டிற்கு பரிசுகளை கொண்டு வந்து, நாட்டை பலப்படுத்தியதாக எங்கள் அனுபவம் கூறுகிறது. இன்று, பெண்கள் நிலத்தடி நிலக்கரி சுரங்கங்களில் மட்டுமல்லாமல், போர் விமானங்களையும் பறக்கிறார்கள், வானத்தில் புதிய உயரங்களைத் தொடுகிறார்கள்.
- நாட்டில் திறக்கப்பட்ட 40 கோடி ஜன தன் கணக்குகளில் சுமார் 22 கோடி கணக்குகள் பெண்கள் மட்டுமே. கொரோனா நேரத்தில், ஏப்ரல்-மே-ஜூன் மாதங்களில், இந்த மூன்று மாதங்களில் சுமார் மூவாயிரம் கோடி ரூபாய் நேரடியாக பெண்களின் கணக்குகளுக்கு மாற்றப்பட்டுள்ளது.
- கொரோனா தொடங்கப்பட்டபோது, நம் நாட்டில் கொரோனா சோதனைக்கு ஒரே ஒரு ஆய்வகம் மட்டுமே இருந்தது. இன்று நாட்டில் 1,400 க்கும் மேற்பட்ட ஆய்வகங்கள் உள்ளன.
- இன்னொரு மிகப் பெரிய பிரச்சாரம் இன்று முதல் நாட்டில் தொடங்கப் போகிறது. இது தேசிய டிஜிட்டல் சுகாதார பணி. ஒவ்வொரு இந்தியருக்கும் சுகாதார ஐடி வழங்கப்படும். தேசிய டிஜிட்டல் ஹெல்த் மிஷன் இந்தியாவின் சுகாதாரத் துறையில் ஒரு புதிய புரட்சியைக் கொண்டுவரும். உங்கள் சோதனைகள், ஒவ்வொரு நோய், எந்த மருத்துவர் உங்களுக்கு எந்த மருந்து கொடுத்தார், எப்போது, உங்கள் அறிக்கைகள் என்ன, இந்த தகவல்கள் அனைத்தும் இந்த ஒரு சுகாதார ஐடியில் இருக்கும்.
- இன்று, கொரானாவின் ஒன்று, இரண்டு அல்ல, மூன்று தடுப்பூசிகள் தற்போது இந்தியாவில் சோதனை கட்டத்தில் உள்ளன. விஞ்ஞானிகளிடமிருந்து பச்சை சமிக்ஞை கிடைத்தவுடன், அந்த தடுப்பூசிகளை பெருமளவில் உற்பத்தி செய்ய நாட்டின் தயாரிப்பு தயாராக உள்ளது.
- இந்த ஆண்டு ஜம்மு-காஷ்மீரின் புதிய வளர்ச்சி பயணத்தின் ஆண்டு. இந்த ஆண்டு ஜம்மு-காஷ்மீரில் பெண்கள் மற்றும் தலித்துகளுக்கான உரிமைகளின் ஆண்டு! இது ஜம்மு-காஷ்மீரில் உள்ள அகதிகளின் கண்ணியமான வாழ்க்கையின் ஆண்டு. ஜம்மு-காஷ்மீரில் உள்ளூராட்சி மன்றங்களின் பிரதிநிதிகள் செயல்பாட்டின் மற்றும் உணர்திறனுடன் வளர்ச்சியின் ஒரு புதிய சகாப்தத்தை முன்னெடுத்து வருகிறார்கள் என்பது நம் அனைவருக்கும் பெருமை அளிக்கிறது.
- கடந்த ஆண்டு லடாக் ஒரு யூனியன் பிரதேசமாக மாற்றுவதன் மூலம், அதன் மக்களின் பழைய கோரிக்கை பூர்த்தி செய்யப்பட்டுள்ளது. இமயமலையின் உயரத்தில் அமைந்துள்ள லடாக், வளர்ச்சியின் புதிய உயரங்களைத் தொட இன்று முன்னேறி வருகிறது. சிக்கிம் ஒரு ஆர்கானிக் மாநிலமாக தனது அடையாளத்தை வெளிப்படுத்தியதைப் போலவே, வரும் நாட்களில், லடாக், ஒரு கார்பன் நடுநிலை பிராந்தியமாக தனது அடையாளத்தை உருவாக்கும், இந்த திசையிலும் பணிகள் மேற்கொள்ளப்படுகின்றன.
- நாட்டின் தேர்ந்தெடுக்கப்பட்ட 100 நகரங்களில் மாசுபாட்டைக் குறைப்பதற்கான முழுமையான அணுகுமுறையுடன் கூடிய சிறப்பு பிரச்சாரமும் மேற்கொள்ளப்பட்டு வருகிறது.
- இந்தியா தனது பல்லுயிர் பாதுகாப்பையும் மேம்படுத்துவதையும் முழுமையாக உணர்கிறது. சமீப காலங்களில், நாட்டில் புலிகளின் எண்ணிக்கை வேகமாக அதிகரித்துள்ளது! இப்போது நமது ஆசிய சிங்கங்களுக்கான திட்ட சிங்கமும் நாட்டில் தொடங்கப்பட உள்ளது. இதேபோல், திட்ட டால்பினும் தொடங்கப்படும்.
- எல்.ஓ.சி முதல் எல்.ஐ.சி வரை, நாட்டின், நாட்டின் இறையாண்மையை யார் கண்களை உயர்த்தினாலும், நாட்டின் இராணுவம் அதே மொழியில் பதிலளித்துள்ளது. இந்தியாவின் இறையாண்மைக்கான மரியாதை நமக்கு மிக உயர்ந்தது. இந்த தீர்மானத்திற்கு நமது துணிச்சலான வீரர்கள் என்ன செய்ய முடியும், நாடு என்ன செய்ய முடியும், இதை லடாக்கில் உலகம் கண்டது.
- உலக மக்கள் தொகையில் கால் பகுதி தெற்காசியாவில் வாழ்கிறது. ஒத்துழைப்பு மற்றும் பங்களிப்புடன் இவ்வளவு பெரிய மக்களின் வளர்ச்சி மற்றும் செழிப்புக்கான சொல்லப்படாத சாத்தியங்களை நாம் உருவாக்க முடியும்.
- நமது எல்லை மற்றும் கடலோர உள்கட்டமைப்புகளும் நாட்டின் பாதுகாப்பில் பெரும் பங்கைக் கொண்டுள்ளன. இமயமலை சிகரங்கள் அல்லது இந்தியப் பெருங்கடலின் தீவுகள் எதுவாக இருந்தாலும், இன்று நாட்டில் முன்னோடியில்லாத வகையில் சாலை மற்றும் இணைய இணைப்பு விரிவாக்கம் செய்யப்பட்டுள்ளது.
- நம் நாட்டில் 1300 க்கும் மேற்பட்ட தீவுகள் உள்ளன. அவர்களின் புவியியல் இருப்பிடத்தைப் பார்க்கும்போது, நாட்டின் வளர்ச்சியில் அவற்றின் முக்கியத்துவத்தைக் கருத்தில் கொண்டு, தேர்ந்தெடுக்கப்பட்ட இந்த சில தீவுகளில் புதிய வளர்ச்சித் திட்டங்களைத் தொடங்குவதற்கான பணிகள் நடந்து வருகின்றன. அந்தமான் மற்றும் நிக்கோபார் தீவுகளுக்குப் பிறகு, அடுத்த 1000 நாட்களில், லட்சத்தீவு நீர்மூழ்கிக் கப்பல் ஆப்டிகல் ஃபைபர் கேபிளுடன் இணைக்கப்படும்.
- என்.சி.சி விரிவாக்கம் நாட்டின் 173 எல்லை மற்றும் கடலோர மாவட்டங்களுக்கு உறுதி செய்யப்படும். இந்த பிரச்சாரத்தின் கீழ், சுமார் 1 லட்சம் புதிய என்.சி.சி கேடட்டுகளுக்கு சிறப்பு பயிற்சி அளிக்கப்படும். இதில், மூன்றில் ஒரு பங்கு மகள்களுக்கும் இந்த சிறப்பு பயிற்சி வழங்கப்படும்.
- எங்கள் கொள்கைகள், எங்கள் செயல்முறை, எங்கள் தயாரிப்புகள், எல்லாம் சிறந்ததாக இருக்க வேண்டும், அப்போதுதான் ஏக் பாரத்-ஸ்ரேஷ்ட பாரதத்தின் பார்வையை நாம் உணர முடியும்.
- ‘ஈஸி ஆஃப் லிவிங்கின்’ மிகப் பெரிய பயனாளிகளாக நடுத்தர வர்க்கம் இருக்கும்; மலிவான இணையம் முதல் பொருளாதார விமான டிக்கெட்டுகள், நெடுஞ்சாலைகள் முதல் வழிகள் வரை, மற்றும் மலிவு வீட்டுவசதி முதல் வரி குறைப்பு வரை – இந்த நடவடிக்கைகள் அனைத்தும் நாட்டின் நடுத்தர வர்க்க மக்களுக்கு அதிகாரம் அளிக்கும்
-எஸ்.சதிஸ் சர்மா.
–UTL MEDIA TEAM
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Great upcoming plans……