ஆறு மாநிலங்களில் ஆறு இடங்களில் சிறிய நவீன வீடுகள் கட்டும் திட்டம்!- அடிக்கல் நாட்டும் விழாவில் பிரதமர் நரேந்திர மோதி ஆற்றிய உரை.

नमस्कार !

केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी श्रीमान हरदीप सिंह पुरी जी, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव जी, झारखंड के मुख्यमंत्री भाई हेमंत सोरेन जी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्रीमान शिवराज सिंह चौहान जी, गुजरात के मुख्यमंत्री श्रीमान विजय रुपानी जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थिरू ई.के.पलानीस्वामी जी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वाई.एस.जगनमोहन रेड्डी जी, कार्यक्रम में उपस्थित सभी आदरणीय गवर्नर महोदय, उपस्थित अन्य महानुभाव, भाइयों और बहनों, आप सभी को, सभी देशवासियों को 2021 की बहुत-बहुत शुभकामनाएं, अनेक- अनेक मंगलकामनाएं।आज नई ऊर्जा के साथ, नए संकल्पों के साथ और नए संकल्पों को सिद्ध करने के लिए तेज गति से आगे बढ़ने का आज शुभारंभ है।आज गरीबों के लिए, मध्यम वर्ग के लिए, घर बनाने के लिए नई टेक्नॉलॉजी देश को मिल रही है।तकनीकी भाषा में आप इसे लाइट हाउस प्रोजेक्ट कहते हैं। मैं मानता हूं ये 6 प्रोजेक्ट वाकई, लाइट हाउस- प्रकाश स्तंभ की तरह हैं। ये 6 लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स देश में हाउसिंग कंस्ट्रक्शन को नई दिशा दिखाएंगे। देश के पूर्व-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण, हर क्षेत्र से राज्यों का इस अभियान में जुटना, कॉपरेटिव-फेडरेलिज्म की हमारी भावना को और मजबूत कर रहा है।

साथियों,

ये लाइट हाउस प्रोजेक्ट, अब देश के काम करने के तौर-तरीकों का भी एक उत्तम उदाहरण है। हमें इसके पीछे के बड़े विजन को भी समझना होगा। एक समय में आवास योजनाएं केंद्र सरकारों की प्राथमिकता में उतनी नहीं थी जितनी होनी चाहिए। सरकार घर निर्माण की बारीकियों और क्वालिटी पर नहीं जाती थी। लेकिन हमें पता है, बिना काम के विस्तार में ये जो बदलाव किए गए हैं अगर ये बदलाव न होते तो कितना कठिन होता। आज देश ने एक अलग अप्रोच चुनी है, एक अलग मार्ग अपनाया है।

साथियों,

हमारे यहां ऐसी कई चीजें हैं जो प्रक्रिया में बदलाव किए बिना ऐसे ही निरंतर चलती जाती हैं। हाउसिंग से जुड़ा मामला भी बिल्कुल ऐसा ही रहा है। हमने इसको बदलने की ठानी। हमारे देश को बेहतर टेक्नॉलॉजी क्यों नहीं मिलनी चाहिए? हमारे गरीब को लंबे समय तक ठीक रहने वाले घर क्यों नहीं मिलने चाहिए? हम जो घर बनाते हैं वो तेज़ी से पूरे क्यों ना हों? सरकार के मंत्रालयों के लिए ये ज़रूरी है कि वो बड़े और सुस्त स्ट्रक्चर जैसे ना हों, बल्कि स्टार्ट अप्स की तरह चुस्त भी हो और दुरुस्त भी होने चाहिए। इसलिए हमने Global Housing Technology Challenge का आयोजन किया और दुनियाभर की अग्रणी कंपनियों को हिन्दुस्तान में निमंत्रित किया। मुझे खुशी है कि दुनिया भर की 50 से ज्यादा Innovative Construction Technologies ने इस समारोह में हिस्सा लिया, स्पर्धा में हिस्सा लिया। इस ग्लोबल चैलेंज से हमें नई टेक्नॉलॉजी को लेकर Innovate और incubate करने का स्कोप मिला है। इसी प्रक्रिया के अगले चरण में अब आज से अलग-अलग साइट्स पर 6 लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स का काम शुरू हो रहा है। ये लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स आधुनिक टेक्नॉलॉजी और Innovative Processes से बनेंगे। इससे कंस्ट्रक्शन का टाइम कम होगा और गरीबों को ज्यादा resilient, affordable और comfortable घर तैयार होंगे। जो एक्सपर्ट्स हैं उन्हें तो इसके बारे में पता है लेकिन देशवासियों को भी इनके बारे में जानना जरूरी है। क्योंकि आज ये टेक्नोलॉजी एक शहर में इस्तेमाल हो रही है, कल को इन्हीं का विस्तार पूरे देश में किया जा सकता है।

साथियों,

इंदौर में जो घर बन रहे हैं वो उनमें ईंट और गारे की दीवारें नहीं होंगी, बल्कि Pre-fabricated Sandwich Panel system इसमें  इस्तेमाल होगा। राजकोट में टनल के ज़रिए Monolithic Concrete Construction इस टेक्नॉलॉजी का उपयोग करेंगे। फ्रांस की इस टेक्नॉलॉजी से हमें गति भी मिलेगी और घर आपदाओं को झेलने में ज्यादा सक्षम भी बनेगा। चेन्नई में अमेरिका और फिनलैंड की Precast Concrete system का उपयोग करेंगे जिससे घर तेज़ी से भी बनेगा और सस्ता भी होगा। रांची में जर्मनी के 3D construction system से घर बनाएंगे। इसमें हर कमरा अलग से बनेगा और फिर पूरे स्ट्रक्चर को वैसे ही जोड़ा जाएगा जैसे Lego Blocks के खिलौनों को जोड़ते हैं। अगरतला में न्यूजीलैंड की steel frames से जुड़ी टेक्नॉलॉजी से घर बनाए जा रहे हैं। जहां भूकंप का खतरा ज्यादा होता है, वहां ऐसे घर बेहतर होते हैं। लखनऊ में कैनेडा की टेक्नॉलॉजी Use कर रहे हैं, जिसमें प्लस्तर और पेंट की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और इसमें पहले से तैयार पूरी दीवारों का उपयोग किया जाएगा। इससे घर और तेज़ी से बनेंगे। हर लोकेशन पर 12 महीनों में हज़ार घर बनाए जाएंगे। एक साल में हजार घर। इसका मतलब ये हुआ कि प्रतिदिन ढाई से तीन घर बनाने की एवरेज आएगी। एक महीने में करीब-करीब नब्बह सौ मकान बनेंगे और साल भर में एक हजार मकान बनाने का लक्ष्य है। अगली 26 जनवरी के पहले इस काम में ये सफलता पाने का इरादा है।

साथियों,

ये प्रोजेक्ट्स एक प्रकार से incubation centres ही होंगे। जिससे हमारे planners, architects, engineers और students  सीख पाएंगे और नई टेक्नॉलॉजी का एक्सपेरिमेंट कर पाएंगे। मैं देशभर की इस प्रकार की सभी यूनिवर्सिटी से आग्रह करता हूं। सभी इंजीनियरिेंग कॉलेज से आग्रह करता हूं कि इस फिल्ड में जुड़े हुए आपके प्रोफेसर्स, आपकी फैक्ल्टी, आपके स्टूडेंटस दस-दस, पन्द्रह- पन्द्रह के ग्रुप बनाएं, एक-एक वीक के लिए इन 6 साईट पर रहने के लिए चले जाएं, पूरी तरह उसका अध्ययन करें, वहां की सरकारें भी उनकी मदद करें और एक प्रकार से देशभर की हमारे यूनिवर्सिटी के लोग ये जो Pilot Projects हो रहे हैं। एक प्रकार से incubators हो रहे हैं। वहां जाकर के टेक्नॉलॉजी और में ये चाहुंगा कि हमें आंख बंद करके किसी टेक्नॉलॉजी को Adopt करने की जरूरत नहीं है। हम देखें और फिर हमारे देश की जरूरत के हिसाब से, हमारे देश के संसाधनों के हिसाब से, हमारे देश की requirement के हिसाब से हम इस टेक्नॉलॉजी का shape बदल सकते हैं क्या? उसकी Activity बदल सकते हैं क्या? उसके Performance level को बदल सकते हैं क्या? मैं पक्का मानता हूं हमारे देश के नौजवान ये देखेंगे उसमें जरूर Value edition करेंगे, कुछ नयापन जोड़ेंगे और सचमुच में देश एक नई दिशा में तेज गति से आगे बढ़ेगा। इसी के साथ-साथ घर बनाने से जुड़े लोगों को नई टेक्नॉलॉजी से जुड़ी स्किल अपग्रेड करने के लिए सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरु किया जा रहा है। ये बहुत बड़ा काम है। हमनें इसके साथ Human resource Development, Skill Development इसको simultaneous शुरू किया है। ऑनलाइन आप पढ़ सकते हैं। इस नई टेक्नॉलॉजी को समझ सकते हैं। अब exam देकर के certificate प्राप्त कर सकते हैं। ये इसलिए किया जा रहा है ताकि देशवासियों को घर निर्माण में दुनिया की बेस्ट टेक्नॉलॉजी और मटीरियल मिल सके।

साथियों,

देश में ही आधुनिक हाउसिंग टेक्नॉलॉजी से जुड़ी रिसर्च और स्टार्टअप्स को प्रमोट करने के लिए ASHA-India प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से भारत में ही 21वीं सदी के घरों के निर्माण की नई और सस्ती टेक्नॉलॉजी विकसित की जाएगी। इस अभियान के तहत 5 सर्वश्रेष्ठ तकनीकों का चयन भी किया गया है। अभी मुझे बेहतरीन कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी पर आधारित किताब और ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स- नवरीति से जुड़ी पुस्तक के विमोचन का भी अवसर मिला है।इनसे जुड़े सभी साथियों को भी एक प्रकार से हॉलिस्टिक एप्रोच के लिए मैं सभी साथियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

शहर में रहने वाले गरीब हों या फिर मध्यम वर्ग के लोग, इन सबका एक सबसे बड़ा सपना क्या होता है? हर किसी का सपना होता है- अपना घर। किसी को भी पूछो उसके मन में होता है कि घर बनाना है। बच्चों की जिंदगी अच्छी चली जाएगी। वो घर जिसमें उनकी खुशियां जुड़ी होती हैं, सुख-दुःख जुड़े होते हैं, बच्चों की परवरिश जुड़ी होती है, मुश्किल के समय एक गारंटी भी जुड़ी होती है कि चलो कुछ नहीं है तो ये अपना घर तो है ही है। लेकिन बीते वर्षों में अपने घर को लेकर, लोगों का भरोसा टूटता जा रहा था। जीवनभर की पूंजी लगाकर घर खरीद तो लिया, पैसे तो जमा कर दिए  लेकिन घर कागज पर ही रहता था, घर मिल जाएगा, इसका भरोसा नहीं रह गया था। कमाई होने के बावजूद भी, अपनी जरूरत भर का घर खरीद पाएंगे, इसका भरोसा भी डगमगा गया था। वजह- क्योंकि कीमतें इतनी ज्यादा हो गई थीं ! एक और भरोसा जो टूट गया था वो ये कि क्या कानून हमारा साथ देगा कि नहीं देगा? अगर बिल्डर के साथ कोई झगड़ा हो गया, मुसीबत आ गई तो ये भी क चिंता का विषय था। हाउसिंग सेक्टर की ये स्थिति हो गई थी कि किसी गड़बड़ी की स्थिति में सामान्य व्यक्ति को ये भरोसा ही नहीं था कि कानून उसके साथ खड़ा होगा।

साथियों,

इन सबसे वो किसी तरह निपटकर आगे बढ़ना भी चाहता था, तो बैंक की ऊंची ब्याज, कर्ज मिलने में होने वाली मुश्किलें, उसके इन सपनों को फिर एक बार नीचे पस्त कर देती थीं। आज मुझे संतोष है कि बीते 6 वर्षों में देश में जो कदम उठाए गए हैं, उसने एक सामान्य मानवी का, खासकर के मेहनतकश मध्यमवर्गीय परिवार का  ये भरोसा लौटाया है कि उसका भी अपना घर हो सकता है। अपना मालिकी का घर हो सकता है। अब देश का फोकस है गरीब और मध्यम वर्ग की जरूरतों पर, अब देश ने प्राथमिकता दी है शहर में रहने वाले लोगों की संवेदनाओं को, उनकी भावनाओं को।प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों में बहुत ही कम समय में लाखों घर बनाकर दिए जा चुके हैं। लाखों घरों के निर्माण का काम जारी भी है।

साथियों,

अगर हम पीएम आवास योजना के तहत बनाए गए लाखों घरों के काम पर नज़र डालें तो, उसमें Innovation और Implementation, दोनों पर फोकस मिलेगा। Building material में स्थानीय ज़रूरतों और घर के मालिक की अपेक्षाओं के अनुसार Innovation नजर आएगा। घर के साथ-साथ दूसरी योजनाओं को भी एक पैकेज के रूप में इससे जोड़ा गया है। इससे जो गरीब को घर मिल रहा है उसमें पानी, बिजली, गैस, ऐसी जो उसकी आवश्यक सुविधाएं हैं ऐसी अनेक सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। इतना ही नहीं, पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हर घर की जीओ-टैगिंग की जा रही है, जीओ-टैगिंग के कारण हर चीज का पता चलता है। इसमें भी टेक्नोलॉजी का पूरा इस्तेमाल किया जा रहा है। घर निर्माण के हर स्टेज की तस्वीर वेबसाइट पर अपलोड करनी पड़ती है। घर बनाने के लिए जो सरकारी मदद है, वो सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है। और मैं राज्यों का भी आभार व्यक्त करूंगा क्योंकि इसमें वो भी बहुत सक्रियता से साथ चल रहे हैं। आज कई राज्यों को इसके लिए सम्मानित  करने का भी मुझे सौभाग्य मिला है। मैं इन राज्यों को, जो विजयी हुए हैं, जो आगे बढ़ने के लिए मैंदान में आएं हैं उन सभी राज्यों को  विशेष रूप से बधाई देता हूं।

साथियों,

सरकार के प्रयासों का बहुत बड़ा लाभ शहरों में रहने वाले मध्यम वर्ग को हो रहा है। मध्यम वर्ग को अपने पहले घर के लिए एक तय राशि के होमलोन पर ब्याज़ में छूट दी जा रही है। अभी कोरोना संकट के दौरान भी सरकार ने होम लोन पर ब्याज में छूट की विशेष योजना शुरू की। मध्यम वर्ग के साथियों के जो घर बरसों से अधूरे पड़े थे, उनके लिए 25 हजार करोड़ रुपए का विशेष फंड भी बनाया गया है।

साथियों,

इन सारे फैसलों के साथ ही, लोगों के पास अब RERA जैसे कानून की शक्ति भी है। RERA ने लोगों में ये भरोसा लौटाया है कि जिस प्रोजेक्ट में वो पैसा लगा रहे हैं, वो पूरा होगा, उनका घर अब फंसेगा नहीं। आज देश में लगभग 60 हजार रीयल एस्टेट प्रोजेक्ट्स रेरा के तहत रजिस्टर्ड हैं। इस कानून के तहत हजारों शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है, यानि हजारों परिवारों को उनका घर मिलने में मदद मिली है।

साथियों,

Housing for all, यानी सबके लिए घर, इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जो चौतरफा काम किया जा रहा है, वो करोड़ों गरीबों और मध्यमवर्ग परिवारों के जीवन में बड़े परिवर्तन ला रहा है। ये घर गरीबों के आत्मविश्वास को बढ़ा रहे हैं। ये घर देश के युवाओं के सामर्थ्य को बढ़ा रहे हैं।इन घरों की चाबी से कई द्वार एक साथ खुल रहे हैं। जब किसी को घर की चाबी मिलती है न तब वो दरवाजा या चार दीवार इतना तक नहीं होता है। जब घर की चाबी हाथ आती है। तो एक सम्मानपूर्ण जीवन का द्वार खुल जाता है, एक सुरक्षित भविष्य का द्वार खुलता है, जब घर के मकान के मालिकी का हक आ जाता है, चाबी मिलती है तब बचत का भी द्वार खुलता है, अपने जीवन के विस्तार का द्वार खुलता है, पांच-पच्चीस लोगों के बीच में, समाज में, ज्ञाति में, बिरादरी में एक नई पहचान का द्वार खुल जाता है। एक सम्मान का भाव लौट आता है। आत्मविश्वास पनपता है। ये चाबी, लोगों के विकास का, उनकी प्रगति का द्वार भी खोल रही है। इतना ही नहीं, ये चाबी भले ही दरवाजे की चाबी होगी लेकिन वो दिमाग के भी वो ताले खोल देती है। जो नए सपने संजोने लग जाता है। नए संकल्प की ओर बढ़ चलता है और जीवन में कुछ करने के सपने नए तरीके से बुनने लग जाता है। इस चाबी की इतनी ताकत होती है।

साथियों, 

पिछले साल कोरोना संकट के दौरान ही एक और बड़ा कदम भी उठाया गया है। ये कदम है- अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स योजना।इस योजना का लक्ष्य हमारे वो श्रमिक साथी हैं, जो एक राज्य से दूसरे राज्य में या फिर गांव से शहर आते हैं। कोरोना के पहले तो हमने देखा था कि कुछ जगह से अन्य राज्य से आए लोगों के लिए अनाप-शनाप कभी-कभी बातें बोली जाती थी। उनको अपमानित किया जाता था। लेकिन कोरोना के समय सारे मजदूर अपने-अपने यहां वापिस गए तो बाकियों को पता चला कि इनके बिना जिंदगी जीना कितना मुश्किल है। कारोबार चलाना कितना मुश्किल है। उद्योग धंधे चलाना कितना मुश्किल है और हाथ-पैर जोड़कर के लोग लगे वापिस आओ- वापिस आओ। कोरोना ने हमारे श्रमिकों के सामर्थ्य के सम्मान को जो लोग स्वीकार नहीं करते थे। उनकों स्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया। हमने देखा है कि शहरों में हमारे श्रमिक बंधुओ को उचित किराए पर मकान उपलब्ध नहीं हो पाते। इसके कारण छोटे-छोटे कमरों में बड़ी संख्या में श्रमिकों को रहना पड़ता है। इन जगहों पर पानी-बिजली, टॉयलेट से लेकर अस्वच्छता ऐसी अनेक समस्याएं  भरी पड़ी रहती है। राष्ट्र की सेवा में अपना श्रम लगाने वाले ये सभी साथी गरिमा के साथ जीवन जिएं, ये भी हम सभी देशवासियों का दायित्व है। इसी सोच के साथ सरकार, उद्योगों के साथ और दूसरे निवेशकों के साथ मिलकर उचित किराए वाले घरों का निर्माण करने पर बल दे रही है। कोशिश ये भी है कि ये आवास उसी इलाके में हों जहां वो काम करते हैं।

साथियों,

रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए भी निरंतर निर्णय लिए जा रहे हैं। खरीदारों में उत्साह बढ़ाने के लिए घरों पर लगने वाले टैक्स को भी बहुत कम किया जा रहा  है। सस्ते घरों पर जो टैक्स पहले 8 परसेंट लगा करता था, वो अब सिर्फ 1 परसेंट है। वहीं सामान्य घरों पर लगने वाले 12 परसेंट टैक्स की जगह अब सिर्फ 5 प्रतिशत GST लिया जा रहा है। सरकार ने इस सेक्टर को इंफ्रास्ट्रक्चर की भी मान्यता दी है ताकि उन्हें सस्ती दरों पर कर्ज मिल सके।

साथियों,

बीते सालों में जो रिफॉर्म्स किए गए हैं, उसमें Construction Permit को लेकर तीन साल में ही हमारी रैंकिंग 185 से सीधे 27 पर पहुंची है। कंस्ट्रक्शन से जुड़ी परमिशन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था का विस्तार भी 2 हज़ार से ज्यादा शहरों में हो चुका है।अब इस नए साल में इसको देशभर के सभी शहरों में लागू करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना है।

साथियों,

Infrastructure और construction पर होने वाला निवेश, और विशेषकर हाउसिंग सेक्टर पर किया जा रहा खर्च, अर्थव्यवस्था में force-multiplier का काम करता है। इतनी बड़ी मात्रा में स्टील का लगना, सीमेंट का लगना, कंस्ट्रक्शन मटीरियल का लगना, पूरे सेक्टर को गति देता है। इससे डिमांड तो बढ़ती ही है, रोजगार के भी नए अवसर बनते हैं। देश का रियल एस्टेट सेक्टर निरंतर मज़बूत हो, इसके लिए सरकार की कोशिश लगातार जारी है। मुझे विश्वास है कि Housing for All का सपना जरूर पूरा होगा। गांवों में भी इन वर्षों में 2 करोड़ घर बनाए जा चुके हैं। इस वर्ष हमें गांवों में बन रहे घरों में भी और तेजी लानी है। शहरों में इस नई टेक्नॉलॉजी के विस्तार से भी घरों के निर्माण और डिलिवरी, दोनों में ही तेजी आएगी। अपने देश को तेज गति से आगे बढ़ाने के लिए हम सभी को तेज गति से चलना ही होगा, मिलकर के चलना होगा। निर्धारित दिशा में चलना होगा। लक्ष्य को ओझल होने देना नहीं है और चलते रहना है और इसके लिए तेज गति से फैसले भी लेने ही होंगे। इसी संकल्प के साथ मैं आज आप सबको  इस 6 लाईट हाउस एक प्रकार से हमारे नई पीढ़ी को, हमारे टेकनॉलॉजी और इंजीनियरिंग के विद्यर्थियों के लिए ये सबसे ज्यादा उपयोगी हो ये मेरी इच्छा रहेगी। मैं चाहुंगा सभी यूनिवर्सिटीज  को, मैं चाहुंगा सभी कॉलेजेस को इस प्रकार के जो महत्वपूर्ण प्रोजेक्टस होते हैं उसका अध्ययन करना चाहिए। जाकर के देखना चाहिए कि कैसे हो रहा है। टेक्नॉलॉजी का उपयोग कैसे होता है। हिसाब-किताब कैसे लगाया जाता है। ये अपने आप में शिक्षा का बहुत बड़ा एक दायरा बन जाएगा और इसलिए मैं देश के सभी युवा इंजीनियरों को टेक्निशियनों को विशेष रूप से निमंत्रण देता हूं। इस लाईट हाउस से जितनी लाईट वो ले सकते हैं लें और अपनी लाईट जितनी उसमें डाल सकते हैं  डालें, अपने दिमाग की लाईट जितनी लगा सकते हैं लगाएं। आप सबको इस नववर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। इस छह लाईट हाउस के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

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Prime Minister Shri Narendra Modi laid the foundation stone of Light House projects (LHPs) under Global Housing Technology Challenge (GHTC)- at six sites across six States, today through video conference. He announced the winners under Affordable Sustainable Housing Accelerators – India (ASHA-India) and gave away annual awards for excellence in implementation of Pradhan Mantri Awas Yojana – Urban (PMAY-U) Mission. He also released a certification course on innovative construction technologies named NAVARITIH (New, Affordable, Validated, Research Innovation Technologies for Indian Housing). Union Minister Shri Hardeep Singh Puri, Chief Ministers of Uttar Pradesh, Tripura, Jharkhand, Tamil Nadu, Gujarat, Andhra Pradesh and Madhya Pradesh were present on the occasion.

Speaking on the occasion, the Prime Minister said today is the day to move forward with new energy, to prove new resolutions and today the country is getting new technology to build houses for the poor, middle class. He said the houses are called light house projects in technical language but these 6 projects are really like lighthouses showing a new direction to the housing sector in the country.

The Prime Minister cited these light house projects as an example of the approach of the present Government. He said at one time housing schemes were not as much as the priority of the central government and did not go into the nuances and quality of home construction. Today, the country has chosen a different approach, adopting a different route and a better technology, to complete the projects faster. He stressed on the importance for the Government ministries not to have large and sluggish structures, but to be fit like startups. He expressed happiness on the active participation of more than 50 Innovative Construction Companies from around the world. He said this global challenge has given us a scope to innovate and incubate with new technology.

The Prime Minister said in the next phase of the same process, the work of 6 light house projects at different sites is starting from today. These light house projects will be made up of modern technology and innovative processes and reduce the construction time and make a more resilient, affordable and comfortable house for the poor. He further explained that these light houses have innovations in construction technology. For example the project  in Indore will not have brick and mortar walls, instead they will use the prefabricated Sandwich Panel system. The light houses in Rajkot will be built using french technology and have monolithic concrete construction technology using tunnel and the house will be more capable of withstanding disasters. In Chennai, US and Finland technologies will use the Precast Concrete system, which will construct the house faster and cheaper. In Ranchi houses will be built using Germany’s 3D construction system. Each room will be made separately and then the entire structure will be added in the same way as Lego Blocks toys. He said Houses are being built in Agartala with the steel frames using New Zealand’s technology which can withstand major earthquake risk. Canada’s technology is being used in Lucknow, which will not require plaster and paint and will use the entire walls already prepared to build houses faster. He further said that thousands of houses will be built in 12 months at every location which will act as incubation centers through which our planners, architects, engineers and students will be able to learn and experiment with new technology. He announced that along with this, a certificate course will be  started to upgrade the skills related to new technology to the people in the construction sector, so that the people can get the best technology and material in the world in house construction.

The Prime Minister remarked that the ASHA-India program is being run to promote research and startups related to modern housing technology within the country. Through this, new and affordable technology for building 21st century houses will be developed in India itself. He said Five best techniques have also been selected under this campaign. He said that the biggest dream of poor or middle class people living in the city is owning their house. But over the years, people were losing their trust in their house. He said even after earning the trust, the demand has gone down due to high prices. People have lost trust whether they would have legal standing in case of any issue. High interest rates of the bank and the difficulties in getting loans, have further dampened the interest on owning a house. He expressed satisfaction on the efforts taken in the last 6 years to restore the confidence of a common man that he too can have his own house. Under the Pradhan Mantri Awas Yojana, lakhs of houses have been built in a very short time in cities.

The Prime Minister said that in PM Awas Yojna construction’s focus is both on innovation and implementation as per the local needs and expectations of the home-owners. It is a complete package as every unit is equipped with electricity-water-gas connection. Transparency is being ensured through the technologies like geo-tagging and Direct Benefit Transfer (DBT) to the beneficiaries.

Talking about the benefits for the middle classes, Shri Modi said they are getting rebates on home loan interest. A special fund of Rs 25 thousand crore,  created for incomplete housing projects, will also help the middle class.  Measures like RERA have brought back the trust of the home owners and given them confidence that they will not be cheated out of their hard earned money. There are 60 thousand projects registered under RERA and thousands of grievances have been redressed under the law.

The Prime Minister said that getting the key of a house is not just getting possession of a dwelling unit but it opens doors of dignity, confidence, safe future, new identity and expanding possibilities. All round work that is being done for ‘Housing for All’ is bringing positive change in the lives of crores of poor and middle class families.

The Prime Minister also mention new scheme that was taken up during the Corona pandemic i.e. Affordable Renting Housing Complex Schemes. Government is working with industry and other investors to provide housing with fair rents to the workers who come to work from various states to different states. Their housing conditions are often unhygienic and undignified. Effort is to provide them fair rent dwellings in the vicinity of their workplace. This is our responsibility that our worker friends should live with dignity, Shri Modi added.

The Prime Minister also recounted the measures taken recently to help the real estate sector. Measures like reduction of tax on cheap houses from 8 to 1 percent, GST reduction from 12 to 5 per cent,  recognizing the sector as infrastructure for making it eligible for cheap loans have taken our ranking for construction permit from 185 to 27. Procedure for construction permissions have been taken online in more than 2000 towns, the Prime Minister said.

The Prime Minister also informed that more than 2 crore housing units have been constructed in rural India. Effort will be on to accelerate the speed of rural housing this year.

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உலகளாவிய வீட்டு வசதித் தொழில்நுட்பச் சவாலின் கீழ், ஆறு மாநிலங்களில் ஆறு இடங்களில் சிறிய நவீன வீடுகள் கட்டும் திட்டத்துக்கு காணொலிக் காட்சி மூலம் பிரதமர் நரேந்திர மோதி இன்று அடிக்கல் நாட்டினார்.

மலிவான, நிலையான வீட்டு வசதித் திட்டத்தின் ஊக்குவிப்பாளர் (ஆஷா-இந்தியா) திட்டத்தின் கீழ் வெற்றி பெற்றவர்களை அவர் அறிவித்தார் மற்றும் பிரதமரின் வீட்டு வசதித் திட்டத்தை அமல்படுத்துவதில் சிறப்பாகச் செயல்பட்டவர்களுக்கு அவர் ஆண்டு விருதுகளை வழங்கினார். இந்திய வீடுகளுக்கான புதிய, மலிவான, சரிபார்க்கப்பட்ட, ஆராய்ச்சிக் கண்டுபிடிப்புத் தொழில்நுட்பங்கள் பற்றிய சான்றிதழ் படிப்பையும் (நவரித்) அவர் வெளியிட்டார். மத்திய அமைச்சர் ஹர்தீப் சிங் பூரி, உத்தரப் பிரதேசம், திரிபுரா, ஜார்கண்ட், தமிழ்நாடு, குஜராத், ஆந்திரப்பிரதேசம், மற்றும் மத்தியப்பிரதேச மாநில முதல்வர்கள் இந்தக் காணொலி நிகழ்ச்சியில் கலந்து கொண்டனர்.

இந்நிகழ்ச்சியில் பேசிய பிரதமர், புதிய தீர்வுகளை நிருபிக்க, புதிய சக்தியுடன் முன்னேறும் நாள் இது எனவும், ஏழைகள், நடுத்தர மக்களுக்கு வீடுகள் கட்ட புதிய தொழில்நுட்பத்தைப் பெறும் நாள் எனவும் கூறினார். தொழில்நுட்ப மொழியில், இந்த வீடுகள், சிறிய நவீன வீடுகள் திட்டம் என அழைக்கப்படுகிறது. ஆனால் இந்த ஆறு திட்டங்களும் உண்மையிலேயே கலங்கரை விளக்கம் போல், நாட்டில் வீட்டு வசதித் துறைக்குப் புதிய திசையைக் காட்டும்.

இந்த சிறிய வீடுகள் திட்டம், தற்போதைய அரசின் அணுகுமுறைக்கு உதாரணமாக உள்ளன என பிரதமர் கூறினார். ஒரு காலத்தில் வீட்டு வசதித் திட்டங்களுக்கு அதிக முன்னுரிமை அளிக்கப்படவில்லை எனவும், தரத்திலும், நுணுக்கத்திலும் கவனம் செலுத்தப்படவில்லை எனவும் அவர் கூறினார். இன்று, திட்டங்களை விரைவாக முடிக்க, நாடு வேறு அணுகுமுறையைத் தேர்வு செய்து, மாற்று வழியையும், சிறந்த தொழில்நுட்பத்தையும் பின்பற்றுகிறது. அரசின் அமைச்சகங்கள் மந்தமான பெரிய அமைப்புகளாக இல்லாமல், புதிய நிறுவனங்கள் போல் தகுதியுடன் இருக்க வேண்டும் எனவும் அவர் வலியுறுத்தினார். இத்திட்டத்தில் உலகம் முழுவதிலும் இருந்து 50க்கும் மேற்பட்ட புதுமையான கட்டுமான நிறுவனங்கள் பங்கேற்றிருப்பது மகிழ்ச்சி அளிப்பதாக அவர் தெரிவித்தார். இந்த உலகளாவிய போட்டி, புதுமை மற்றும் புதிய தொழில்நுட்பத்துடன் வளரும் வாய்ப்பை அளித்துள்ளது என அவர் கூறினார்.

இன்றிலிருந்து ஆறு வெவ்வேறான இடங்களில் இருந்து ஆறு சிறிய வீடுகள் கட்டும் திட்டம் தொடங்குகிறது என பிரதமர் கூறினார். இந்த சிறிய வீடுகள் திட்டம், நவீனத் தொழில்நுட்பம் மற்றும் புதுமை முறையால் உருவாக்கப்படும் எனவும், இது கட்டுமான காலத்தைக் குறைக்கும் எனவும், ஏழைகளுக்கு ஏற்ற வீடாகவும் இருக்கும் எனவும் பிரதமர் கூறினார். இந்த வீடுகளின் கட்டுமானத் தொழில்நுட்பத்தில் புதுமை இருக்கும் என அவர் கூறினார். உதாரணத்துக்கு, இந்தூரில் கட்டப்படும் வீடுகள் திட்டத்தில், செங்கல் மூலம் சுவர்கள் உருவாக்கப்படாது. முன்கூட்டியே தயாரிக்கப்பட்ட சாண்ட்விச் இணைப்புகளாக அவை இருக்கும். ராஜ்கோட்டில் கட்டப்படும் சிறிய வீடுகள், பிரெஞ்சு தொழில்நுட்பத்தைப் பயன்படுத்திக் கட்டப்படுகின்றன. அவை குகைத் தொழில்நுட்ப முறையில் கான்கிரீட் மூலம் உருவாக்கப்படும். இது பேரிடர்களைத் தாங்க கூடியதாக இருக்கும். சென்னையில், அமெரிக்க மற்றும் பின்லாந்து தொழில்நுட்பத்தில், கான்கிரீட் மூலம் முன்கூட்டிய தயாரிக்கப்பட்ட பாகங்களை இணைக்கும் முறையில் வீடுகள் விரைவாகவும், மலிவாகவும் கட்டப்படுகின்றன. ராஞ்சியில் கட்டப்படும் வீடுகளில் ஜெர்மன் நாட்டின் முப்பரிமாணத் தொழில்நுட்பத்தில் வீடுகள் கட்டப்படும். ஒவ்வொரு அறையும், தனியாக உருவாக்கப்பட்டு, பொம்மை இணைப்பு வடிவங்களைச் சேர்ப்பது போல ஒன்றாகச் சேர்க்கப்படும். அகர்தலாவில் கட்டப்படும் வீடுகள், நியூசிலாந்து தொழில்நுட்பத்தில் எஃகுச் சட்டங்களைப் பயன்படுத்திக் கட்டப்படும். இது பெரிய நிலநடுக்க அபாயத்தை தாங்க கூடியது. லக்னோவில் கனடா தொழில்நுட்பம் பயன்படுத்தப்படுகிறது. இதற்கு பிளாஸ்டர் மற்றும் பெயின்ட் தேவை இல்லை. ஏற்கனவே தயாரிக்கப்பட்ட சுவர்கள் மூலம் இந்த வீடுகள் விரைவாகக் கட்டப்படும். ஒவ்வொரு இடத்திலும் 12 மாதத்துக்குள் ஆயிரக்கணக்கான வீடுகள் கட்டப்படும். ஒவ்வொரு இடமும் நமது திட்டத் தயாரிப்பாளர்கள், பொறியாளர்கள், கட்டிடக்கலை நிபுணர்கள், மாணவர்கள் ஆகியோருக்கு புதிய தொழில்நுட்பத்தையும், அனுபவத்தையும் கற்கும் மையமாக இருக்கும். இத்துடன், கட்டுமானத் துறையில் புதிய தொழில்நுட்பம் தொடர்பான திறனை மேம்படுத்த சான்றிதழ் படிப்பும் தொடங்கப்படும் எனவும் அப்போது தான், வீடு கட்டுமானத் துறையில், உலகின் சிறந்த தொழில்நுட்பம் மற்றம் பொருள்கள் மக்களுக்குக் கிடைக்கும் எனவும் அவர் கூறினார்.

நம்நாட்டில் நவீன வீட்டுவசதித் தொழில்நுட்பம் தொடர்பான ஆராய்ச்சி மற்றும் புதிய நிறுவனங்களை ஊக்குவிக்க ஆஷா – இந்தியா திட்டம் செயல்படுத்தப்படுகிறது என பிரதமர் கூறினார். இதன் மூலம், 21ஆம் நூற்றாண்டுக்கான புதிய மற்றும் மலிவான கட்டிடத் தொழில்நுட்பம் நாட்டில் உருவாக்கப்படும். இந்தப் பிரசாரத்தின் கீழ், ஐந்து சிறந்த தொழில்நுட்பங்கள் தேர்வு செய்யப்பட்டுள்ளன என அவர் கூறினார். நகரத்தில் வசிக்கும் ஏழை மற்றும் நடுத்தர மக்களின் மிகப் பெரிய கனவு சொந்த வீட்டில் வசிப்பதுதான் என அவர் கூறினார். ஆனால், பல ஆண்டுகளாக, சொந்த வீட்டின் மீதான நம்பிக்கையை மக்கள் இழந்து வந்தனர். நம்பிக்கை ஏற்பட்டாலும், அதிக விலை காரணமாக , வீடு வாங்குவது குறைந்தது. சட்டச் சிக்கல்களைச் சந்திக்க நேரிடும் என்பதாலும், மக்கள் நம்பிக்கை இழந்தனர். வங்கியின் அதிக வட்டி, வீட்டுக் கடன் கிடைப்பதில் உள்ள சிரமம் ஆகியவை வீடு வாங்கும் ஆர்வத்தை மேலும் குறைத்தன. சாதாரண மனிதரும் சொந்த வீடு பெற முடியும் என்ற நம்பிக்கையை கடந்த ஆறு ஆண்டுகளில் மீண்டும் ஏற்படுத்த மேற்கொள்ளப்பட்ட முயற்சிகள் திருப்தி அளிப்பதாக அவர் தெரிவித்தார். பிரதமரின் வீட்டு வசதித் திட்டத்தின் கீழ், நகரங்களில், இலட்சக்கணக்கான வீடுகள் கட்டப்பட்டுள்ளன.

புதுமை, உள்ளூர்த் தேவை, வீட்டு உரிமையாளர்களின் எதிர்பார்ப்புகளை அமல்படுத்துவது ஆகியவற்றில் பிரதமரின் வீட்டு வசதித் திட்டம் கவனம் செலுத்தியது என பிரதமர் கூறினார். ஒவ்வொரு வீடும் மின்சாரம், தண்ணீர், கேஸ் இணைப்பு பெற்ற வீடாக உள்ளது. ஜியோ-டேக்கிங் மற்றும் பயனாளிகளுக்கு நேரடிப் பணப்பரி மாற்றத்தின் மூலம் வெளிப்படைத்தன்மை உறுதி செய்யப்படுகிறது.

நடுத்தர மக்களின் பலன்கள் குறித்து பேசிய பிரதமர் திரு மோடி, வீட்டுக் கடன்களுக்கு அவர்கள் வட்டி மானியம் பெறுவதாக திரு. மோடி கூறினார். கட்டி முடிக்கப்படாத வீட்டு வசதித் திட்டங்களுக்கு ரூ.25 ஆயிரம் கோடி சிறப்பு நிதி உருவாக்கப்பட்டது. இது நடுத்தர மக்களுக்கு உதவும். ரியல் எஸ்டேட் ஒழுங்குமுறை ஆணையம் போன்ற நடவடிக்கைகளும், வீட்டு உரிமையாரளர்கள் இடையே, தாங்கள் ஏமாற்றப்பட மாட்டோம் என்ற நம்பிக்கையை மீண்டும் ஏற்படுத்தியது. ரியல் எஸ்டேட் ஒழுங்குமுறைச் சட்டத்தின் கீழ் 60 ஆயிரம் திட்டங்கள் பதிவு செய்யப்பட்டுள்ளன. இச்சட்டத்தின் கீழ் ஆயிரக்கணக்கான குறைகள் தீர்க்கப்பட்டுள்ளன.

வீட்டுச் சாவியைப் பெறுவது, வீட்டைப் பெறுவது மட்டும் அல்ல, அது, கௌரவம், நம்பிக்கை, பாதுகாப்பான எதிர்காலம், புதிய அடையாளம் மற்றும் விரிவுபடுத்தும் சாத்தியங்களுக்கான கதவுகளையும் திறக்கிறது என பிரதமர் கூறினார். அனைவருக்கும் வீடு என்ற அனைத்து கட்டப் பணி நடப்பது, கோடிக்கணக்கான ஏழை மற்றும் நடுத்தரக் குடும்பங்களில் நேர்மறையான மாற்றத்தைக் கொண்டு வருகிறது.

கொரோனா தொற்று காலத்தில் எடுக்கப்பட்ட மலிவு வாடகை வீட்டு வசதித் திட்டங்களையும் பிரதமர் குறிப்பிட்டார். பல மாநிலங்களில் இருந்து வேலை செய்ய வரும் தொழிலாளர்களுக்கு நியாயமான வாடகையில் வீடுகளை வழங்க தொழில்துறை மற்றும் இதர முதலீட்டாளர்களுடன் அரசு இணைந்து செயல்பட்டு வருகிறது. அவர்களின் வீட்டு நிலைமை சுகாதாரமற்றதாகவும், மோசமானதாகவம் உள்ளன. அவர்கள் பணியாற்றும் இடங்களில் நியாயமான வாடகைக்கு வீடு வழங்கும் முயற்சிகள் நடக்கின்றன. நமது தொழிலாள நண்பர்களும் கௌரவத்துடன் வாழ வேண்டும் என்பது நமது பொறுப்பு என திரு. மோடி கூறினார்.

ரியல் எஸ்டேட் துறைக்கு உதவ சமீபத்தில் எடுக்கப்பட்ட நடவடிக்கைகளையும் பிரதமர் நினைவு கூர்ந்தார். மலிவான வீடுகளுக்கு வரியை 8 சதவீதத்திலிருந்து 1 சதவீதமாக குறைத்தது, ஜிஎஸ்டி வரியை 12 சதவீதத்திலிருந்து 5 சதவீதமாக குறைத்தது, எளிதான கடன்கள் பெற கட்டமைப்புத் துறையாக அங்கீகரித்தது போன்ற நடவடிக்கைகள், கட்டுமானத்திற்கான அனுமதி தரப் பட்டியலில் 185 வது இடத்திலிருந்து 27வது இடத்துக்கு கொண்டு சென்றது. 2000க்கும் மேற்பட்ட நகரங்களில் கட்டுமான அனுமதிக்கான நடைமுறைகள் இணையத்தின் மூலம் மூலம் கொண்டு வரப்பட்டதாக பிரதமர் கூறினார்.

ஊரகப் பகுதிகளில் 2 கோடிக்கும் மேற்பட்ட வீடுகள் கட்டப்பட்டுள்ளதாக பிரதமர் தெரிவித்தார். இந்த ஆண்டு கிராம வீடுகளை விரைந்து முடிக்கும் முயற்சிகள் மேற்கொள்ளப்படும்.

இவ்வாறு பிரதமர் நரேந்திர மோதி பேசினார்.

-Dr.DURAI BENJAMIN
Editor and Publisher
UTL MEDIA TEAM
ullatchithagaval@gmail.com

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