‘கொரோனா’ உபகரணங்களில் இருக்கும் தொற்றுக்களை நீக்குவதற்காக ‘வஜ்ரா கவசம்’ என்ற இயந்திரம் உருவாக்கப்பட்டுள்ளது!

वज्र कवच नाम का एक उत्पाद हमारे कोरोना योद्धाओं द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले उपकरणों से वायरल कणों के संकट को दूर करता है। जी हां, मुंबई स्थित स्टार्टअप इंद्रा वाटर द्वारा विकसित यह कीटाणु शोधन प्रणाली व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट), एन 95 मास्क, कोट, दस्ताने और गाउन से बीमारी पैदा करने वाले सार्स – कोव -2 वायरस के किसी भी संभावित निशान को मिटा देती है। इस प्रकार, यह प्रणाली स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले पीपीई और अन्य सामग्रियों के दोबारा उपयोग को संभव बनाती है। इस प्रकार यह प्रणाली न केवल स्वास्थ्यकर्मियों, बल्कि जैव चिकित्सीय अपशिष्ट के उत्पादन में कमी लाकर हमारे पर्यावरण को भी सुरक्षित करने में मदद करती है। यह प्रणाली व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों को अधिक उपलब्ध, किफायती और सुलभ भी बना रही है।

“आपकी सामग्री कुछ ही मिनटों में संक्रमण रहित हो जाएगी”

जो बात इसे बेहद उपयोगी बनाती है वो यह कि इसके जरिए कीटाणुशोधन का काम कुछ ही मिनटों में हो जाता है। इस प्रणाली का निर्माण मुंबई के भिवंडी स्थित इंद्रा वाटर के कारखाने में किया जा रहा है, जहां से इसे अस्पतालों में पहुंचाया जाता है।

भिवंडी स्थित कारखाना

वायरल लोड में एक लाख गुणा कमी

इंद्रा वाटर के सह-संस्थापकों में से एक अभिजीत वीवीआर गर्व से बताते हैं कि “हमारी प्रणाली सूक्ष्मजीवों की संख्या में 1,00,000 गुणा कमी लाने में सक्षम है। वैज्ञानिक शब्दों में, परीक्षणों से पता चला है कि हमने वायरस और बैक्टीरिया में 5 लॉग (99.999%) रिडक्शन हासिल की है।” ‘लॉग रिडक्शन’ एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल जीवित रोगाणुओं, जोकि कीटाणु शोधन जैसी प्रक्रिया के बाद खत्म हो जाते हैं, की सापेक्ष संख्या को दर्शाने के लिए किया जाता है।

इस प्रणाली का सत्यापन और परीक्षण आईआईटी बॉम्बे के बायोसाइंसेज और बायोइंजीनियरिंग विभाग द्वारा किया गया। “वज्र कवच सत्यापन और परीक्षण की एक बहुत लंबी प्रक्रिया से गुजरा। इसका एस्चेरिचिया वायरस एमएस2 (एकल-स्ट्रेन वाला आरएनए वायरस और इन्फ्लूएंजा वायरस एवं कोरोनावायरस जैसे मानव श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाने वाले वायरस का एक प्रसिद्ध समकक्ष) और ई.कोली स्ट्रेन सी3000 के साथ परीक्षण किया गया। एक पीपीई पर वायरस और बैक्टीरिया के नमूनों का पूरा भार रखा गया। इसके बाद उस पीपीई को वज्र कवच के अंदर रखा गया। कीटाणुशोधन चक्र के समय के बाद, पीपीई को बाहर निकाला गया और वायरस की वृद्धि दर और लॉग रिडक्शन का आकलन करने के लिए नमूने की फिर से जांच की गई।” अभिजीत ने बताया कि इस प्रणाली में पीपीई पर मौजूद वायरस, बैक्टीरिया और अन्य माइक्रोबियल स्ट्रेन को निष्क्रिय करने के लिए उन्नत ऑक्सीकरण, कोरोना डिस्चार्ज और यूवी-सी लाइट स्पेक्ट्रम से युक्त कई चरणों वाली एक कीटाणुशोधन प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे 99.999% से अधिक दक्षता हासिल होती है।

वज्र कवच का विचार

अभिजीत ने पीआईबी को बताया कि कैसे इस उत्पाद का विचार फेंकने के बजाय दोबारा उपयोग के एक सरल लेकिन शक्तिशाली और मितव्ययी सोच से निकला। “वज्र कवच की परिकल्पना मार्च 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान की गई थी। हमने यह सोचना शुरू किया कि इस महामारी से लड़ने में देश की मदद करने के लिए हम वास्तव में क्या कर सकते हैं। हमने महसूस किया कि पीपीई किट और एन95 मास्क की भारी मांग है और देश हमारे स्वास्थ्यकर्मियों को आवश्यक चिकित्सा उपकरण प्रदान करने के लिए संघर्ष कर रहा है। तभी हमारे जेहन में एक विचार आया– एक सरल कीटाणुशोधन प्रक्रिया जो हमारे कोरोना योद्धाओं को अपने मास्क और पीपीई का दोबारा उपयोग करने में सक्षम बनाए।”

विचार से क्रियान्वन तक

अभिजीत बताते हैं किइस विचार को लागू करने के लिए, इंद्रा वाटर ने अपनी जल शोधन तकनीक को संशोधित किया और पूरी तरह से एक स्वदेशी कीटाणुशोधन प्रणाली को अपनाया। उन्होंने कहा कि “इस कीटाणुशोधन प्रणाली के निर्माण में उपयोग किया जाने वाला प्रत्येक अवयव भारत में बना है। बाहर से कुछ भी नहीं मंगवाया गया है।”

इंद्रा वाटर की स्थापना पानी के क्षेत्र में नवाचारों के साथ उतरने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निधि-प्रयास अनुदान (सोसाइटी फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप, आईआईटी बॉम्बे के जरिए) से की गई थी। इंद्रा वाटर उन 51 स्टार्टअप में से एक है, जिन्हें सेंटर फॉर ऑगमेंटिंग वॉर विथ कोविड -19 हेल्थ क्राइसिस (सीएडब्ल्यूएसीएच) के तहत वित्त पोषित और समर्थित किया गया था, जोकि राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उद्यमिता विकास बोर्ड (एनएसटीईडीबी), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकारकी एक पहल है।

स्वास्थ्यकर्मी इसे बहुत उपयोगी पाते हैंनया संस्करण जल्द ही

आईआईटी बॉम्बे अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर निशा शाह कहती हैं कि “वज्र कवच का पीपीई का यूवी कीटाणुशोधन प्रणाली सुरूचिपूर्ण, उपयोगकर्ता के अनुकूल और सुविधाजनक है। यह प्रणाली हमारे 25 बिस्तरों वाले कोविड केयर सेंटर के लिए पर्याप्त है। यह हमें कम पीपीई का उपयोग करने में मदद करेगा। ”मुंबई का कामा अस्पताल, छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल, सेंट जॉर्ज अस्पताल जैसे मुंबई के कुछ अन्य अस्पताल हैं जहां वज्र कवच कीटाणुशोधन प्रणाली स्थापित की गई है। अभिजीत बताते हैं कि वारंगल के एक अस्पताल में भी यह प्रणाली स्थापित है। “मुंबई के विभिन्न अस्पतालों में लगभग 10 वज्र कवच पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं। बहुत सारे स्वास्थ्यकर्मियों से बात करने के बाद, हमें पता चला कि उनके द्वारा इस प्रणाली का उपयोग न केवल N95 मास्क और पीपीईकिट को संक्रमण रहित बनाने, बल्कि आईसीयू में लैब कोट, मास्क, एप्रन, फेस शील्ड, स्टेशनरी सामग्री को और बुनियादी चिकित्सा उपकरण, गियर और अन्य चिकित्सा कपड़ा सामग्रियों को भी संक्रमण रहित करने के लिए किया जा रहा है।”

अभिजीत ने बताया कि वे अब इस प्रणाली का एक दूसरा संस्करण लेकर आ रहे हैं – कॉम्पैक्ट और उपयोगकर्ता के अधिक अनुकूल। “चूंकि पीपीई किट आकार में बड़ी होती है, इसलिए हमें अपनी प्रणाली में इसके लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध करानी थी। हालांकि, हम इस प्रणाली को कॉम्पैक्ट बनाने की योजना बना रहे हैं।”

इंद्रा वाटर एक 20-सदस्यीय स्टार्टअप है जिसका मुख्य काम अपार्टमेंट, उद्योग, कारखानों आदि से निकलने वाले अपशिष्ट जल का शोधन और उसे कीटाणु रहित बनाना है। इस फर्म से 

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A product aptly named Vajra Kavach removes the scourge of viral particles from equipment used by our Corona warriors. Yes, the disinfection system, developed by Mumbai-based startup Indra Water, removes any possible traces of the disease-causing SARS-Cov-2 virus from Personal Protective Equipment, N95 masks, coats, gloves and gowns. It thus enables reuse of PPEs and other materials used by healthcare workers. It thus protects not only them, but our environment too, by helping reduce biomedical waste generation. It is also making personal protective equipment more available, affordable, and accessible.

Your Material will get Disinfected in a few Minutes”

What makes this even more useful is that the disinfection is done in just a few minutes. The system is being manufactured at Indra Water’s factory at Bhiwandi in Mumbai, from where it is delivered to hospitals.

Viral Load is reduced by One Lakh times

“Our system is able to achieve a 1,00,000-fold reduction in the number of microorganisms; in scientific terms, tests showed that we got 5 log (99.999%) reduction of viruses and bacteria”, informs a proud Abhijit VVR., one of the cofounders of Indra Water.  ‘Log reduction’ is a term used to signify the relative number of living microbes that are eliminated after a process such as disinfection.

The validation and testing of the system was done by the Department of Biosciences & Bioengineering at IIT Bombay. “Vajra Kavach went through a very long trial and testing process. It was tested with Escherichia virus MS2 (a single-stranded RNA virus and a well-known surrogate of human respiratory viruses such as influenza virus and coronavirus) and E.coli strain C3000. Full loads of the virus and bacteria samples were placed on a PPE. The PPE was then placed inside the Vajra Kavach. After the disinfection cycle time, the PPE was removed and the sample was rechecked to assess the growth rate and log reduction of the virus.” Abhijit informs that the system employs a multistage disinfection process consisting of advanced oxidation, corona discharge and UV-C light spectrum to inactivate the viruses, bacteria, and other microbial strains present on the PPE, achieving more than 99.999% efficiency.

The Idea of Vajra Kavach

Abhijit told PIB how the product took root from a simple yet powerful and frugal idea of reusing rather than disposing. “The idea of Vajra Kavach was conceived during the nation-wide lockdown in March 2020. We began to think about what exactly we could do to help the country fight the pandemic. We realized there was a huge demand for PPE Kits and N95 masks and the nation was struggling to provide our healthcare workers with the necessary medical requirements. That is when we came up with an idea – a simple disinfection process that enables our Corona Warriors to reuse their masks and PPEs.”

From Idea to Implementation

To implement the idea, Indra Water modified its water purification technology and came up with the totally indigenous disinfection system, says Abhijit. “Every component used in the manufacturing of this disinfection system is made in India. Nothing is procured from outside.”

Indra Water was set up with the Department of Science & Technology’s NIDHI-PRAYAS grant (through Society for Innovation and Entrepreneurship, IIT Bombay) for coming up with innovations in the water sector. Indra Water is one among the 51 startups which were funded and supported under Centre for Augmenting WAR with COVID-19 Health Crisis (CAWACH), an initiative by National Science & Technology Entrepreneurship Development Board (NSTEDB), Department of Science and Technology (DST), Government of India.

Healthcare Workers find it Very Useful, New Version on the Way

“Vajra Kavach’s UV disinfection of PPE is elegant, user friendly and convenient. The system is adequate for our 25-bed Covid Care Center. It will help us use fewer PPEs,” says Doctor Nisha Shah, Chief Medical Officer, IIT Bombay Hospital. Mumbai’s Cama Hospital, Chhatrapati Shivaji Maharaj Hospital, St. George Hospital are some other hospitals in Mumbai where Vajra Kavach disinfection system has been installed. A hospital in Warangal has also got one, says Abhijit. “Around 10 Vajra Kavach systems have already been installed in various hospitals in Mumbai. After talking to a lot of health care workers, we came to know that the system is being used by them to disinfect not only N95 masks and PPE kits, but also lab coats, masks, aprons, face shields, stationery material in the ICU, basic medical equipment, gears and other medical cloth materials as well.”

Abhijit informs that they are now coming up with a second version – compact and more user-friendly. “Since the PPE Kit is big in size, we had to provide enough room for it in the system. However, we are planning to make the system compact.”

Indra Water is a 20-member startup whose core area is treatment and disinfection of wastewater discharged from apartments, industry, factories, etc. 

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கொரோனா முன்களப் போராளிகளுக்கு மேலும் ஒரு வரப்பிரசாதமாக அவர்கள் பயன்படுத்தும் உபகரணங்களில் இருக்கும் தொற்றுக்களை நீக்குவதற்காக வஜ்ரா கவசம் என்ற இயந்திரம் உருவாக்கப்பட்டுள்ளது.

மும்பையைச் சேர்ந்த புதுமை நிறுவனமான இந்திரா வாட்டர் தயாரித்துள்ள கிருமி நாசினி அமைப்பு முறை, முழு உடல் கவசம், என் 95 முகக் கவசங்கள், உடைகள், கையுறைகள் போன்றவற்றில் தென்படும் தொற்றின் தடயங்கள் முழுவதையும் நீக்கும் சிறப்பம்சம் பெற்றுள்ளது.

இதன் மூலம் மருத்துவ பணியாளர்கள், உடல் கவச ஆடைகள் மற்றும் இதரப் பொருட்களை மீண்டும் பயன்படுத்த முடியும்.

இந்த இயந்திரம் அவர்களுக்கு பாதுகாப்பு அளிப்பதுடன், உயிரி மருத்துவ கழிவுகளின் எண்ணிக்கையைக் குறைத்து சுற்றுச்சூழலுக்கும் ஏதுவாக இருக்கும். இதன்மூலம் முழு உடல் கவசங்கள் அதிக எண்ணிக்கையிலும், குறைந்த செலவிலும், அனைவருக்கும் எளிதாகவும் கிடைக்கும்.

ஒரு சில நொடிகளிலேயே பொருட்களை முழுவதும் கிருமிநாசினியால் சுத்தப்படுத்துவது இந்த இயந்திரத்தின் மற்றொரு சிறப்பம்சமாகும். மும்பையின் பிவண்டியில் உள்ள இந்திரா வாட்டர் நிறுவனத்தின் ஆலையில் தயாரிக்கப்படும் இந்த அமைப்பு முறை, அங்கிருந்து மருத்துவமனைகளுக்கு விநியோகம் செய்யப்படுகிறது.

“எங்களது அமைப்பு முறை, நுண்ணுயிர்களின் எண்ணிக்கையை 1,00,000 மடங்குக் குறைக்கும் வல்லமையைப் பெற்றுள்ளது; அதாவது, கிருமி மற்றும் நுண்ணுயிரிகள் 99.999% சதவீதம் அழியும் என்பது பல்வேறு சோதனைகளில் தெரியவந்துள்ளது”, என்று இந்திரா வாட்டர் நிறுவனத்தின் இணை நிறுவனரான அபிஜித் விவிஆர் பெருமையுடன் கூறுகிறார்.

எளிதாக எடுத்துச்செல்லும் மற்றும் பயன்பாட்டிற்கு ஏற்ற வகையில் வஜ்ரா கவசம் இயந்திரத்தின் இரண்டாவது வடிவத்தை இந்த நிறுவனம், தற்போது தயாரித்து வருவதாக அபிஜித் தெரிவிக்கிறார். “அளவில் மிக பெரிதான முழு உடல் கவசத்தை தூய்மைப்படுத்துவதற்குத் தகுந்தவாறு இந்த இயந்திரம் வடிவமைக்கப்பட்டது. எளிதில் எடுத்துச் செல்லும் வகையில் இதனை வடிவமைக்க நாங்கள் திட்டமிட்டுள்ளோம்”, என்றும் அவர் கூறுகிறார்.

அடுக்குமாடிக் குடியிருப்புகள், தொழில்துறை நிறுவனங்கள், ஆலைகள் உள்ளிட்டவற்றில் இருந்து வெளிவரும் கழிவுநீரை சுத்திகரிக்கும் பணியில் இந்திரா வாட்டர் நிறுவனம், 20 ஊழியர்களுடன் ஈடுபட்டு வருகிறது.

–Dr.துரைபெஞ்சமின்.
Editor and Publisher
UTL MEDIA TEAM
ullatchithagaval@gmail.com

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  1. MANIMARAN May 31, 2021 10:38 pm

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